बाह्य आँखों का महत्त्व है तो भीतरी आँख और भी ज्यादा महत्त्वपूर्ण है। साधक को उस आँख के द्वारा स्वयं को देखने का अभ्यास करना चाहिए।

- आचार्य श्री भिक्षु महाराज

रचनाएं

अर्हम्

साध्वी प्रतीकप्रभा 

14 Feb - 20 Feb 2022

अर्हम्

रचनाएं

साँसों का इकतारा

साध्वीप्रमुखा कनकप्रभा

14 Feb - 20 Feb 2022

साँसों का इकतारा

स्वाध्याय

संबोधि

आचार्य महाप्रज्ञ

14 Feb - 20 Feb 2022

संबोधि

स्वाध्याय

उपासना

आचार्य सिद्धसेन

14 Feb - 20 Feb 2022

उपासना

स्वाध्याय

अवबोध

मंत्री मुनि सुमेरमल ‘लाडनूं’

14 Feb - 20 Feb 2022

अवबोध

रचनाएं

अभिनंदन शत-शत बार

साध्वी विनयप्रभा

14 Feb - 20 Feb 2022

अभिनंदन शत-शत बार
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