बाह्य आँखों का महत्त्व है तो भीतरी आँख और भी ज्यादा महत्त्वपूर्ण है। साधक को उस आँख के द्वारा स्वयं को देखने का अभ्यास करना चाहिए।

- आचार्य श्री भिक्षु महाराज

संस्थाएं

वृहद मंगलपाठ कार्यक्रम

कालबादेवी (दक्षिण मुंबई)

31 Jan - 06 Feb 2022

वृहद मंगलपाठ कार्यक्रम

रचनाएं

करें अभिनंदन, शतशत वंदन

मुनि अर्हत, भरत, जयदीप 

31 Jan - 06 Feb 2022

करें अभिनंदन, शतशत वंदन

रचनाएं

अभिनंदन शत-शत बार

साध्वी राकेशकुमारी

31 Jan - 06 Feb 2022

अभिनंदन शत-शत बार

रचनाएं

अमृत महोत्सव

शासनश्री साध्वी सोमलता 

31 Jan - 06 Feb 2022

अमृत महोत्सव

स्वाध्याय

साँसों का इकतारा

साध्वीप्रमुखा कनकप्रभा

31 Jan - 06 Feb 2022

साँसों का इकतारा

स्वाध्याय

उपासना

आचार्य महाश्रमण

31 Jan - 06 Feb 2022

उपासना

रचनाएं

संघ करता है उन्हें प्रणाम

नचिकेता मुनि आदित्य कुमार

31 Jan - 06 Feb 2022

संघ करता है उन्हें प्रणाम
PDF जैन पंचांग