बाह्य आँखों का महत्त्व है तो भीतरी आँख और भी ज्यादा महत्त्वपूर्ण है। साधक को उस आँख के द्वारा स्वयं को देखने का अभ्यास करना चाहिए।

- आचार्य श्री भिक्षु महाराज

रचनाएं

अमृत घट छलके गण-आँगन

साध्वी प्रसन्‍नयशा

24 Jan - 30 Jan 2022

अमृत घट छलके गण-आँगन

रचनाएं

रहो तुम निरामय

साध्वी मुक्‍ताप्रभा

24 Jan - 30 Jan 2022

रहो तुम निरामय

स्वाध्याय

साँसों का इकतारा

साध्वीप्रमुखा कनकप्रभा

24 Jan - 30 Jan 2022

साँसों का इकतारा

स्वाध्याय

संबोधि

आचार्य महाप्रज्ञ

24 Jan - 30 Jan 2022

संबोधि

स्वाध्याय

उपासना

आचार्य सिद्धसेन

24 Jan - 30 Jan 2022

उपासना

स्वाध्याय

अवबोध

मंत्री मुनि सुमेरमल ‘लाडनूं’

24 Jan - 30 Jan 2022

अवबोध

रचनाएं

गण मिल गाएँ मंगल

नचिकेता मुनि आदित्य कुमार

24 Jan - 30 Jan 2022

गण मिल गाएँ मंगल

रचनाएं

उत्सव आनंद रो ओ आयो

साध्वी अणिमाश्री 

24 Jan - 30 Jan 2022

उत्सव आनंद रो ओ आयो

रचनाएं

थांरो अति उपकार

शासनश्री मुनि विजय कुमार

24 Jan - 30 Jan 2022

थांरो अति उपकार

रचनाएं

वर्धापन उत्सव अलबेला

शासनश्री साध्वी पानकुमारी जी ‘प्रथम’

24 Jan - 30 Jan 2022

वर्धापन उत्सव अलबेला

संस्थाएं

हिट युवा-फिट युवा

विवेक विहार, दिल्ली

24 Jan - 30 Jan 2022

हिट युवा-फिट युवा
PDF जैन पंचांग