प्रधान संपादक की कलम से...

संपादकीय

प्रधान संपादक की कलम से...

अध्यक्षीय उद्गार

पूज्यप्रवर के पावन आशीर्वाद एवं युवा साथियों के सहयोग से अभातेयुप के 53वें वार्षिक अधिवेशन में बैंगलुरु में 10 नवंबर, 2019 को 2019-21 के 2 वर्षीय कार्यकाल के लिए अध्यक्ष के रूप में गुरुद‍ृष्टि प्राप्त हुई। मैं अपने आपको अत्यंत सौभाग्यशाली समझता हूँ कि मुझे संघ सेवा का यह दुर्लभ अवसर प्राप्त हुआ। पद एक संवैधानिक व्यवस्था है परंतु सभी कार्य गुरु की द‍ृष्टि एवं साथियों के श्रम से निष्पत्ति को प्राप्त करते हैं। गुरु कृपा एवं संपूर्ण देश एवं विदेश की युवा शक्‍ति के सहयोग से यह द्विवर्षीय कार्यकाल अपने चरम पर है। गुरु इंगित की प्रतिपल आराधना को ही हमने अपना लक्ष्य बनाया और अपने दायित्व को पूरा करने का हर संभव प्रयास किया।
इन दो वर्षों में हर तरह की सम और विषम परिस्थितियों में गुरुदेव का आशीर्वाद संजीवनी बनकर हमें निरंतर कार्य करने के लिए प्रेरित करता रहा। कार्यकाल में तेयुप की शाखाओं से जब भी मिलने का अवसर मिला उनके जोश उत्साह और समर्पण को देखकर अनन्य गौरव की अनुभूति होती थी। आज मेरी कलम इस संगठन को सेवा प्रदान करने वाले हर कार्यकर्ता की कर्मजा शक्‍ति को आदरपूर्वक नमन करती है कि उन्होंने सेवा, संस्कार और संगठन के हर आयाम को संघीय रीति-नीति के साथ संपादित किया।
सत्र-2019-21 में युवाओं एवं किशोरों को आध्यात्मिक गतिविधियों से जुड़े रखने हेतु तपोयज्ञ के माध्यम से प्रभु पार्श्‍व प्रणति, मंगलकामना-शुभभावना उपवास शृंखला, भादुड़ी तेरस, संकल्पों का कल्पवृक्ष, जप-तप महायज्ञ के अंतर्गत सभी को जोड़ने का प्रयास किया, जिसमें सभी ने अपनी कर्म निर्जरा की। जैन सामायिक फेस्टिवल के माध्यम से 18 देशों में 275000 सामायिक के माध्यम से संपूर्ण जैन समाज में तेरापंथ धर्मसंघ का परचम लहराया गया। इस कार्यकाल में जैन संस्कार विधि को व्यापकता प्रदान करने के उद्देश्य से 234 नए जैन संस्कारकों सहित वर्तमान में 381 जैन संस्कारकों की टीम तैयार है। चारित्रात्माओं की मार्ग सेवा में युवावाहिनी के अंतर्गत 336 दिनों की सेवा में 142 शाखा परिषदों के 3800 युवाओं को सेवा का सौभाग्य प्राप्त हुआ।
जैन-जैनेत्तर हर व्यक्‍ति को सेवा प्रदान करने के उद्देश्य से आचार्य तुलसी डायग्नोस्टिक सेंटर के 15 नए सेंटर, 8 आचार्य महाप्रज्ञ मेडिकल एवं 15 डेंटल केयर का इस कार्यकाल में शुभारंभ होने से जनमानस को चिकित्सा परीक्षण सेवाओं का लाभ मिल रहा है। मेगा ब्लड डोनेशन ड्राइव के माध्यम से इन दो वर्षों में आयोजित शिविरों में 55000 से अधिक यूनिट रक्‍तदान एवं 3000 से अधिक प्लाज्मा डोनेशन कर जनसेवा का अतुलनीय कार्य किया गया जो विश्‍व की अनेक रिकॉर्ड बुक्स में भी दर्ज हुआ।
तेरापंथ टास्क फोर्स के माध्यम से फिजिकल एवं वर्चुअल कार्यशाला द्वारा 12850 से अधिक संभागियों को आपदा सहायता के लिए प्रशिक्षित किया गया। मानव सेवा के आयाम नेत्रदान के अंतर्गत 325 से अधिक नेत्रदान कर लोगों के जीवन में रोशनी बिखेरी गई। आचार्य महाप्रज्ञ जन्म शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में 22 नए प्रज्ञा केंद्रों का शुभारंभ किया गया।
व्यक्‍तित्व विकास के अंतर्गत कॉन्फिडेंट पब्लिक स्पीकिंग की 32 कार्यशाला सहित 47 कार्यशालाओं के माध्यम से हजारों युवाओं के विकास का मार्ग प्रशस्त हुआ है।
धर्मसंघ के प्रतिभावान गायकों को मंच प्रदान करने के उद्देश्य से सरगम सीरीज 3 में 48 प्रतिभा युगल प्रतिभागी चयनित हुए और जयपुर में फाइनल का वृहद आयोजन हुआ।
कोविड-19 वैश्‍विक महामारी में तेरापंथ समाज के अतिरिक्‍त अभावग्रस्त पीड़ित परिवारों को राहत सामग्री, औषधि वितरण आदि का कार्य जैन श्‍वेतांबर तेरापंथी सभा, टीपीएफ एवं महिला मंडल के साथ संयुक्‍त रूप से किया गया। कोविड-19 की परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए वर्चुअल रूप से मंत्र दीक्षा, जैन विद्या कार्यशाला, 12 व्रत कार्यशालाओं आदि का आयोजन हुआ। इन दो वर्षों में 180 परिषदों के माध्यम से 2800 से अधिक श्रावक-श्राविका 12 व्रती बने। कोरोना काल में विभिन्‍न क्षेत्र के विशेषज्ञों द्वारा समय-समय पर सोशल मीडिया के माध्यम से लाइव प्रसारण किए गए। इस कार्यकाल के प्रारंभ में अभातेयुप को डिजिटल बनाने के स्वप्न को साकार करते हुए अभातेयुप की वेबसाइट, एमबीडीडी, एटीडीसी, टीटीएफ, नेत्रदान की स्वतंत्र वेबसाइट का निर्माण किया गया और तेरापंथ टाइम्स को नया स्वरूप प्रदान करते हुए इसको भी डिजिटल कर जन-जन तक पहुँचाया जा रहा है।
महामारी की इन विकट परिस्थितियों में तेरापंथ किशोर मंडल का 15 एवं 16 राष्ट्रीय अधिवेशन एवं अभातेयुप का 54वाँ वार्षिक अधिवेशन ऑनलाइन आयोजित किया गया, जिसमें देशभर के हजारों युवकों ने अपनी सहभागिता दर्ज कराई। संकल्प संगठन यात्रा एंव मिशन 15-45 के माध्यम से देशभर से युवाओं को धर्मसंघ से जुड़ने का विशेष अवसर मिला। अभातेयुप के समस्त आयामों, गतिविधियों एवं कार्यक्रमों को केंद्रीयकृत करने के उद्देश्य से लाडनूं कार्यालय को सशक्‍त बनाते हुए संपूर्ण रिकॉर्ड वहाँ पर संग्रहित किए गए।
शाखा परिषदों एवं युवा साथियों की कर्मजा शक्‍ति ने यह साबित कर दिया कि द‍ृढ़-संकल्प और सकारात्मक चिंतन हो तो प्रतिकूल परिस्थितियों में भी विकास के नए आयाम उद्घाटित हो सकते हैं। किसी भी कार्य को संपादित करने के लिए अर्थ विशेष मायने रखता है। इस कार्यकाल में समस्त अनुदानदाताओं को भी विशेष साधुवाद देता हूँ जिनके सहयोग से हर कार्य सुचारु रूप से अंजाम तक पहुँच पाया।
इन दो वर्षों में अभातेयुप के मुखपत्र अखिल भारतीय तेरापंथ टाइम्स और युवाद‍ृष्टि के प्रधान संपादक के रूप में जुड़े रहने का अवसर मिला। हमारा सदैव यह प्रयास रहा कि संस्था के यह दोनों प्रकाशन आपकी अपेक्षाओं पर खरा उतरे एवं संघीय आलेखों के साथ-साथ आचार्यप्रवर एंव चारित्रात्माओं की वाणी का लाभ आप सभी को निरंतर मिलता रहे। कोरोना की विकट परिस्थितियों के बावजूद भी तेरापंथ टाइम्स का निरंतर ऑनलाइन प्रकाशन होना इसके पाठकों के लिए वरदान साबित हुआ। इस कार्य में कार्यकारी संपादक दिनेश मरोठी का विशेष श्रम नियोजित हुआ, जिन्होंने अपने चिंतन से तेरापंथ टाइम्स को नवीन स्वरूप प्रदान किया। तेरापंथ टाइम्स के कुशल संचालन में राष्ट्रीय प्रकाशन प्रभारी मनोज संकलेचा, रवि कोठारी, हनुमान जी दुगड़, दिल्ली कार्यालय से दिनेश शर्मा, एल0आर0 भारती, कैंप ऑफिस से कमल शर्मा आदि कार्यकर्ताओं का विशेष सहयोग रहा।
मेरे पूज्य पिताजी श्री मोतीलाल कोठारी एवं माताजी श्रीमती प्रेमा देवी कोठारी को नमन करता हूँ जिनके सद्संस्कारों से मैं अपने दायित्व का निर्वहन कर पाया। मेरी धर्मपत्नी कल्पना कोठारी एवं पुत्र श्‍लोक एवं मेरे सभी शुभचिंतकों का अपने दायित्व निर्वहन में सहयोगी बनने हेतु सदैव ॠणी रहूँगा। अभातेयुप के प्रशासनिक, पंजीकृत, शिविर एवं अन्य सभी कार्यालयों में कार्यरत सभी साथियों को कुशलतापूर्वक दायित्व निर्वहन हेतु सादर धन्यवाद करता हूँ।
अनंत कृतज्ञता पूज्यप्रवर के प्रति जिन्होंने मुझे राष्ट्रीय अध्यक्ष के दायित्व के साथ कल्याण परिषद का संयोजकीय दायित्व निभाने का अवसर भी प्रदान किया। दायित्व निर्वहन में पूज्यप्रवर एवं चारित्रात्माओं के इंगित की सम्यक् आराधना में किंचित मात्र भी अतिक्रमण हुआ हो तो मैं सरल हृदय से खमतखामणा निवेदन करता हूँ। मुनि दिनेश कुमार जी, अभातेयुप आध्यात्मिक पर्यवेक्षक मुनि योगेश कुमार जी, मुनि नयकुमार जी एवं समस्त चारित्रात्माओं के प्रेरक मार्गदर्शन हेतु अनंत कृतज्ञता ज्ञापित कर खमतखामणा करता हूँ।
इस कार्यकाल में दायित्व निर्वहन के दौरान अगर किसी की भावना का यथेष्ठ सम्मान नही कर सका हो तो कार्यकाल की संपन्‍नता के अवसर पर संपूर्ण केंद्रीय संस्थाओं, अभातेयुप साथीगण, शाखा परिषदों की टीम, संपूर्ण युवा शक्‍ति एवं श्रावक-श्राविका समाज से सरल हृदय से खमतखामणा करता हूँ।
अभातेयुप के आगामी नव नेतृत्व के प्रति अग्रिम शुभकामनाएँ एवं मैं यह संकल्प भी लेता हूँ कि मैं भविष्य में संघ एवं अभातेयुप के लिए निर्बाध रूप से यथासंभव अपनी सेवाएँ प्रदान करता रहूँगा।
इस कार्यकाल में आप सभी का जो आशीष, स्नेह, वात्सल्य और सहयोग मिला है वह मेरे जीवन की अमूल्य धरोहर है जो जीवन-पर्यन्त मेरे स्मृति पटल पर अंकित रहेगा।
प्रधान संपादक
संदीप कोठारी