बारह व्रत दीक्षा कार्यशाला

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बारह व्रत दीक्षा कार्यशाला

जयपुर
अभातेयुप के निर्देशन में तेयुप द्वारा महावीर साधना केंद्र, जवाहरनगर में मुनि सुमति कुमार जी एवं मुनि जयकुमार जी के सान्‍निध्य में बारह व्रत दीक्षा कार्यशाला का आयोजन किया गया।
मुनिश्री ने बारह व्रतों की विवेचना करते हुए बताया कि श्रावक को सम्यक्त्व का ज्ञान होना चाहिए। क्योंकि सम्यक्त्व का ज्ञान होने के बाद ही व्यक्‍ति अपने स्वविवेक से छोटे-छोटे व्रतों का पालन करने की ओर अग्रसर होता है। व्यक्‍ति के द्वारा अपनी इच्छाओं को संयमित करना, श्रमण संस्कृति का मूलभूत अंग है। आज श्रावक समाज के जीवन में मर्यादा व अनुशासन कम होता जा रहा है। भौतिक सुख-सुविधाएँ बढ़ने के बावजूद हम अंदर से दु:खी रहते हैं।
परिषद के अध्यक्ष राजेश छाजेड़ ने बताया कि यदि हम चाहते हैं कि हमारे जीवन में संतुलन आए तो हमें छोटे-छोटे व्रतों को लेने का संकल्प करना चाहिए। छोटे-छोटे व्रत स्वीकार कर संयम की धारण से अपने जीवन को व्यवस्थित व गरिमामय बना सकते हैं।
जयपुर विराजित चारित्रात्माओं के सान्‍निध्य में तेयुप के सदस्यों सहित 54 श्रावक-श्राविकाओं ने बारह व्रत के नियमों का पालन करने का संकल्प लिया। कार्यक्रम की संयोजना में गौतम बरड़िया सहित सभी कार्यकर्ताओं की भूमिका उल्लेखनीय रही।