संस्कारों की खाद है जीवन की बुनियाद

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संस्कारों की खाद है जीवन की बुनियाद

इचलकरंजी
साध्वी प्रज्ञाश्री जी के सान्‍निध्य में ज्ञानशाला दिवस व पचरंगी तप अनुमोदना कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस अवसर पर साध्वी प्रज्ञाश्री जी ने कहा कि भावी पीढ़ी को संस्कारित करने का सशक्‍त माध्यम हैज्ञानशाला। संस्कारों की खाद ही जीवन की बुनियाद है। साध्वी सरलप्रभा जी ने अपने वक्‍तव्य में स्कूल में प्राप्त होने वाली व्यवहारिक शिक्षा के साथ आध्यात्मिक शिक्षा के महत्त्व पर बल दिया। साध्वी विनयप्रभा जी व साध्वी प्रतीकप्रभा जी ने पचरंगी तप के तपस्वियों के लिए अभिनंदन गीत का संगान किया।
इससे पूर्व महिला मंडल द्वारा मंगलाचरण के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। साध्वी प्रज्ञाश्री जी ने पचरंगी तप करने वाले तपस्यिों को प्रत्याख्यान करवाए एवं तप का महत्त्व बताते हुए सभी को तप की
प्रेरणा दी।
महाराष्ट्र ज्ञानशाला संयोजक राजेश सुराणा ने ज्ञानशाला उपक्रम के बारे में अपनी बात रखते हुए ज्ञानार्थियों व प्रशिक्षिकाओं का साधुवाद किया एवं पश्‍चिम महाराष्ट्र आंचलिक संयोजिका भारती देवी संकलेचा के कार्यों की सराहना की। ज्ञानशाला की प्रशिक्षिकाओं द्वारा सामुहिक गीत का संगान किया गया। ज्ञानशाला दिवस के कार्यक्रम का संचालन रजनी पारख व नीतू छाजेड़ द्वारा किया गया एवं तप अनुमोदना कार्यक्रम का संचालन तेरापंथ सभा के मंत्री पुष्पराज संकलेचा ने किया।