ज्ञानशाला दिवस

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ज्ञानशाला दिवस

गदग
शासनश्री साध्वी पद्मावती जी के सान्‍निध्य में ज्ञानशाला दिवस मनाया गया। शासनश्री साध्वी पद्मावती जी ने कहा कि ज्ञानशाला का अर्थ है अपने आपको भावित करना। भावी पीढ़ी का अधार स्तंभ है - ज्ञानशाला। डॉ0 साध्वी गवेषणा जी ने कहा कि बच्चों का सुधार भविष्य का सुधार है। साध्वी मयंकप्रभा जी ने कहा कि फूल और बच्चे सृष्टि की सुंदरतम कृति हैं। साध्वी मेरूप्रभा जी व साध्वी दक्षप्रभा जी ने गीतिका प्रस्तुत की।
ज्ञानशाला कार्यक्रम आस्था संकलेचा, परी, देशना, प्रेरणा जीरावला बच्चों के अर्हम् की वंदना से शुरू हुआ। ज्ञानशाला के संयोजक सुरेश कोठारी ने बच्चों को प्रेरणा दी। मुख्य प्रशिक्षिका शोभा संकलेचा ने भी अपने विचार रखे। छवि हीत्वी भंसाली, खुशी सालेचा, सेजल जीरावला ने गीत एक्शन सॉन्ग की प्रस्तुति दी। ज्ञानशाला में हमने क्या खोया-क्या पाया की कार्यक्रम की प्रस्तुति प्रीत कोठारी, देव हर्सिल, प्रणव जीरावला, रोहन जय सालेचा, सुजल श्रेयांस भंसाली दी कोप्पल सभाध्यक्ष पारसमल जीरावला ने अपने विचार रखे। आभार व्यक्‍त किया। विजेता भंसाली ने किया।
कार्यक्रम का संचालन सारिका संकलेचा ने किया। ज्ञानशाला के बच्चों को कोप्पलवासी सोहनलाल पारसमल जीरावला की ओर से प्रोत्साहित किया गया। विमला कोठारी, शोभा संकेलचा, संतोष जीरावला, सारिका संकलेचा, विजेता भंसाली, प्रशिक्षिकाओं का पूरा योगदान रहा। तेयुप अध्यक्ष दिनेश संकलेचा का पूरा सहयोग रहा। रैली का आयोजन किया गया।