ज्ञानशाला दिवस कार्यक्रम

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ज्ञानशाला दिवस कार्यक्रम

राजलदेसर
डॉ0 साध्वी परमयशा जी ने ज्ञानशाला दिवस पर भाव व्यक्‍त करते हुए आह्वान किया कि बालक देश के उज्ज्वल भविष्य हैं, भिक्षु शासन के गौरव हैं। परिवार की नींव के प्रहरी हैं। ज्ञानशाला गणाधिपति गुरुदेवश्री तुलसी की अनमोल देन है। ज्ञानशाला संस्कार निर्माण की प्रयोगशाला है।
इस अवसर पर साध्वीश्री जी ने प्रश्‍नों का गुलदस्ता प्रस्तुत कर गुड से बेस्ट बनने का ऑफर दिया। नवकार महामंत्र, लोगस्स, उवसग्गहरं स्तोत्र, दर्शन क्यों करें, आसन-प्राणायाम से क्या लाभ आदि कई प्रश्‍न किए, जिसका उपस्थित परिषद ने सुंदर जवाब दिया। इन संकल्पों से हर मानव जिंदगी की शानदार पारी खेले।
डॉ0 साध्वी परमयशा जी, साध्वी विनम्रयशा जी, साध्वी मुक्‍ताप्रभा जी ने गीत की प्रस्तुति दी। कन्या मंडल, महिला मंडल ने ज्ञानशाला के संदर्भ में रोचक गीतों की प्रस्तुति दी। वरिष्ठ श्रावक पन्‍नालाल दुगड़, प्रशिक्षिका मोनिका बैद ने वक्‍तव्य देते हुए ज्ञानार्थियों का उत्साहवर्धन किया। प्रशिक्षिका निर्मला जैन ने कार्यक्रम का संचालन किया।
इससे पूर्व ज्ञानशाला के 50 से अधिक ज्ञानार्थियों द्वारा प्रशिक्षिकाओं के नेतृत्व में तेरापंथ भवन से एक रैली निकाली गई। ज्ञानशाला की रैली को नयनाभिराम बनाने में तेरापंथी सभा, तेममं, तेयुप, तेरापंथ कन्या मंडल का विशेष सहयोग रहा। विमल छल्लानी, एवं माणकी देवी बैद धर्मपत्नी स्व0 मिरजामल बैद के आर्थिक सहयोग से ज्ञानशाला परिवार के लिए अल्पाहार की व्यवस्था की गई एवं प्रेम देवी बरड़िया धर्मपत्नी स्व0 अमीचंद बरड़िया ने पारितोषिक प्रदान कर बच्चों को प्रोत्साहित किया।