संस्कारों के दीपों से जीवन को ज्योतिर्मय बनाएँ

संस्थाएं

संस्कारों के दीपों से जीवन को ज्योतिर्मय बनाएँ

साहुकारपेट, चेन्‍नई
साध्वी अणिमाश्री के सान्‍निध्य में तेरापंथी सभा के तत्त्वावधान में ज्ञानशाला प्रकोष्ठ, चेन्‍नई द्वारा तेरापंथ भवन में ज्ञानशाला दिवस मनाया गया। जिसमें सैकड़ों बच्चों एवं प्रशिक्षिकाओं की सहभागिता रही। साध्वीश्री जी ने कहा कि ज्ञानशाला वो महफिल है, जहाँ बच्चों के अंतर्मन में संस्कारों के दीप प्रज्वलित होते हैं। उन संस्कार रूपी दीपों की ज्योति से बच्चों का पूरा जीवन ज्योतिर्मय बन सकता है। ज्ञानशाला बच्चों के लिए वो दिशासूचक यंत्र है, जो बालकों के स्वर्णिम भविष्य का मार्ग प्रशस्त करता है। बालक ज्ञानशाला में सिर्फ ज्ञानार्जन ही नहीं करते, बल्कि संस्कारार्जन भी करते हैं।
साध्वीश्री जी ने आगे कहा कि बालक परिवार का स्वर्ग, समाज की शोभा एवं देश का उज्ज्वल भविष्य है। हर बालक में ध्रुव, प्रह्लाद, महावीर, बुद्ध बनने की प्रतिभा छिपी है। जो अभिभावक अपने बच्चों में छिपी प्रतिभा को पहचान लेता है, उनके बच्चे परिवार के लिए कुलदीपक बन जाते हैं। साध्वीश्री जी ने कहा तेरापंथ सभा के संरक्षण में सुरेश बोहरा एवं उनकी सक्षम टीम के नेतृत्व में चेन्‍नई में ज्ञानशाला की प्रशिक्षिकाएँ 24 ज्ञानशालाओं का अच्छा संचालन कर रही हैं।
तेरापंथ सभा मंत्री गजेंद्र खटेड़, आंचलिक संयोजक कमलेश ने विचार व्यक्‍त किए। प्रशिक्षिका बहनों ने मंगल संगान किया। दिल्ली से समागत सुरेश सोनी, दिल्ली महिला मंडल की अध्यक्षा मंजु सोनी ने भावाभिव्यक्‍ति दी। कार्यक्रम का संचालन ज्ञानशाला संयोजक सुरेश बोहरा ने किया। माधावरम ज्ञानशाला ने बारह व्रत, साहुकारपेट ने वंदना का महत्त्व, पल्लावरम ने सामायिक से लाभ, वेपरी, नई धोबी पेट, व्यासरपाडी आदि ज्ञानशालाओं ने अपनी-अपनी प्रस्तुति दी।