संस्कार निर्माण की प्रयोगशाला है - ज्ञानशाला

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संस्कार निर्माण की प्रयोगशाला है - ज्ञानशाला

बालोतरा
साध्वी मंजुयशा जी के सान्‍निध्य में तेरापंथ सभा भवन द्वारा ज्ञानशाला दिवस का कार्यक्रम आयोजित हुआ। कार्यक्रम में लगभग 30 प्रशिक्षिकाएँ एवं 125 बच्चे उपस्थित थे। कार्यक्रम का प्रारंभ ज्ञानशाला के बच्चों द्वारा भिक्षु अष्टकम् के संगान से हुआ। साध्वी मंजुयशा जी ने ज्ञानशाला का महत्त्व बताते हुए अपने विचार व्यक्‍त किए। साध्वीश्री जी ने कहा संस्कार निर्माण का सक्षम उपक्रम है - ज्ञानशाला। जिसका उद्देश्य है हमारी भावी पीढ़ी सुसंस्कारी बने। बच्चों में ज्ञान के साथ विनम्रता, सहनशीलता, शालीनता, व्यवहार-कुशलता, अनुशासन चरित्रवान बनने के संस्कार प्राप्त हों। ज्ञानशाला में बच्चों को भेजने की प्रेरणा दी। एक सुमधुर गीत का संगान कर पूरी परिषद को भाव-विभोर कर दिया।
इस अवसर पर मान्या सालेचा एवं विभा फोला मेहता ने ज्ञानशाला में शुद्ध ज्ञान और नहीं आने पर किस प्रकार अशुद्ध ज्ञान सिखते हैं, इस पर एक परिसंवाद प्रस्तुत किया। ॠदिम एवं आरबी श्रीश्रीमाल ने ए टू जेड तक एक-एक सुंदर शब्दों की प्रस्तुति दी। बच्चों द्वारा एक सामुहिक गीत एवं सुंदर उत्साहवर्धक कव्वाली प्रस्तुत की। प्रशिक्षिका वर्ग द्वारा एक भावभरा गीत प्रस्तुत कर प्रेरणा दी। अर्थ वागरेचा ने अपने विचार व्यक्‍त किए।
कार्यक्रम का संयोजन साध्वी चिन्मयप्रभा जी ने किया। इस अवसर पर तेरापंथ समाज के गणमान्य नागरिक उपस्थित हुए, मंगलपाठ से कार्यक्रम संपन्‍न हुआ।