चार मासखमण तप अभिनंदन

चार मासखमण तप अभिनंदन

विजयनगरम्
मुनि ज्ञानेंद्र कुमार जी, मुनि प्रशांत कुमार जी के सान्‍निध्य में मासखमण करने वाली नीलम चोपड़ा, सरिता चोपड़ा, अनिता बोथरा एवं अंजू घोड़ावत का तपाभिनंदन समारोह आयोजित हुआ। मुनि ज्ञानेंद्र कुमार जी ने कहातपस्या में शरीरबल तो चाहिए ही लेकिन उससे भी ज्यादा मनोबल, आत्मबल की अपेक्षा होती है। जैन धर्म तेरापंथ धर्मसंघ में तपस्या के कई कीर्तिमान बने हुए हैं। विभिन्‍न प्रकार की तपस्या कर हजारों साधु-साध्वी, श्रावक-श्राविकाओं ने साधना का उत्कृष्ट उदाहरण प्रस्तुत किया है।
मुनि प्रशांत कुमार जी ने कहा कि तपस्या का अवसर जीवन में कभी-कभी आता है। खाने की लालसा कभी खत्म नहीं होती है। जीभ को कंट्रोल रखना मुश्किल होता है। तपस्या करने वाले धन्य हैं। वे कितनी-कितनी अपनी कर्म निर्जरा करते हैं। तपस्या करने वाले भौतिक कामना न रखें। उसमें सकाम निर्जरा नहीं होती है। मुनि ज्ञानेंद्र जी स्वयं तपस्या करते हैं। उनकी तपस्या का अपना प्रभाव है। तपस्या की जितनी अनुमोदना की जाए वह कम है। परिवार का सहयोग मिलने से तपस्वी की तपस्या अच्छे से पूर्ण हो जाती है।
मुनि कुमुद कुमार जी ने कहा कि भारतीय संस्कृति तप-त्याग की संस्कृति रही है। यहाँ त्यागी का सम्मान-अभिनंदन होता है। मुनि विमलेश कुमार जी ने कहा कि तपस्या की अनुमोदना में त्याग की भेंट अवश्य देनी चाहिए।
नेहा बैद एवं भावना डागा के मंगलाचरण से कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। सभाध्यक्ष प्रवीण आंचलिया, तेयुप मंत्री निर्मल बांठिया ने संस्था की तरफ से मंगलकामना की। महिला मंडल एवं कन्या मंडल ने गीत के द्वारा अनुमोदना की। साध्वीप्रमुखाश्री कनकप्रभा जी के संदेश का वाचन नम्रता दुगड़ ने किया। अभिनंदन पत्र का वाचन सभा मंत्री संजीव सामसुखा ने किया। सपना चोपड़ा, कटक से प्रियंका सेठिया, तपस्वी बहन सरिता चोपड़ा, लक्षिता घोड़ावत, मनीषा गीड़िया, आरती चोपड़ा, संजना चोपड़ा, मूलचंद छाजेड़, आरजू बोथरा, सुनीता बैद, कवि हनुमानमल जी ने विचारों से तपस्वी बहनों के प्रति मंगलभावना प्रकट की। विशाखापट्टनम महिला मंडल, घोड़ावत परिवार, विशाखापट्टनम से संदीप डागा ने गीत की प्रस्तुति दी। तेरापंथ सभा-विजयनगरम, तेरापंथ सभा-विशाखापट्टनम, तेयुप, तेममं-विशाखापट्टनम ने तपस्वी बहनों का अभिनंदन किया। आभार ज्ञापन सभा मंत्री संजीव सामसुखा ने किया। कार्यक्रम का संचालन मुनि विमलेश कुमार जी ने किया।