सास-बहू सम्मेलन

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सास-बहू सम्मेलन

मैसूर
तेरापंथ महिला मंडल के तत्त्वावधान में आयोजित सास-बहू सम्मेलन के अंतर्गत ‘समन्वय’ कार्यशाला को संबोधित करते हुए साध्वी डॉ0 मंगलप्रज्ञा जी ने कहा कि सास-बहू का रिश्ता परिवार में महत्त्वपूर्ण होता है। आमतौर पर कहा जाता है बहू को बेटी मानें, पर हमारा मानना हैबहू को बहू का अधिकार मिलना चाहिए। एक-दूसरे को आदर देना सीखें। परिवार आग्रह से नहीं आदर से चलता है। बहू का ऐसा सात्त्विक व्यवहार होना चाहिए जिससे बेटी को भूल जाए। सासू का इतना वात्सल्य मिले बहू पीहर के नंबर भूल जाए। उन्होंने कहा कि कोरा सम्मेलन पर्याप्त नहीं, समन्वय के द‍ृष्टिकोण का विकास हो। और सास-बहू मिलकर आदर्श बनकर घर-आँगन में स्वस्थ वातावरण बनाए रखें।
महिला मंडल के मंगलाचरण से कार्यक्रम प्रारंभ हुआ। साध्वीवृंद ने गीतिका प्रस्तुत की। साध्वी राजुलप्रभा जी ने कहा कि सास-बहू एक-दूसरे के साथ सखी भाव से रहें। मंडल के अध्यक्ष मंजु दक ने सबका स्वागत किया। मुख्य अतिथि की भूमिका स्मिता पगारिया एवं विशिष्ट अतिथि के रूप में महादानी श्राविका भीखी देवी सेठिया एवं उमराव सेठिया ने मंच को सुशोभित किया।
मुख्य अतिथि ने अपना वक्‍तव्य दिया। इस अवसर पर कन्या मंडल, महिला मंडल ने लघु नाटिका की प्रस्तुति दी। अध्यक्ष मंजु दक ने अतिथियों का सम्मान किया। महिला मंडल द्वारा प्रतिभागी जोड़ों के लिए प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। निर्णायक प्रियंका दक और संतोष कोठारी बने। विजेता को पुरस्कार से सम्मानित
किया गया। जिसमें प्रथम जोड़ी मीनाक्षी कोठारी, सोनल कोठारी को, द्वितीय पारस दक, मीनल दक जोड़ी को, तृतीय विजयलक्ष्मी आच्छा, मीनल आच्छा की जोड़ी रहे। संचालन पारस और मीनल दक ने किया। मंडल की मंत्री वनिता बाफना ने आभार व्यक्‍त किया।