बारह व्रत दीक्षा कार्यशाला

संस्थाएं

बारह व्रत दीक्षा कार्यशाला

नोहर
अभातेयुप द्वारा निर्देशित बारह व्रत दीक्षा कार्यशाला का आयोजन किया गया। व्रतों का विवेचन करते हुए शासन मुनि विजय कुमार जी ने कहा कि जैन संस्कृति में व्रतों की महत्त्वपूर्ण भूमिका रही है। भगवान महावीर ने साधुओं के लिए पाँच महाव्रत बताए और सामान्य गृहस्थ के लिए बारह व्रतों की बात कही। बारह व्रत में हर व्रत की अपनी अलग-अलग विवक्षा है। इन सात दिनों में एक-एक व्रत विवेचन किया गया। इन्हें भार नहीं, अमूल्य उपहार समझकर हर कोई स्वीकार करे।
अभातेयुप ने एक अच्छा उपक्रम प्रारंभ किया है, युवक इन्हें स्वीकार करें तो इस उपक्रम की यह एक विशेष निष्पत्ति कही जाएगी। शासनश्री ने गीत से कार्यशाला का प्रारंभ किया। स्थानीय तेरापंथ युवक परिषद के मंत्री चंद्रेश सिपानी और सहमंत्री चंदन छाजेड़ ने संभागी भाई-बहनों को बारह व्रत की पुस्तिका वितरित की। शासनश्री ने संभागियों से कहावे एक-एक व्रत को समझकर अपनी सीमा तय करके व्रतों को स्वीकार करें और स्वयं भी बारह व्रती श्रावक के रूप में पहचान बनाएँ।