जैन विद्या कार्यशाला

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जैन विद्या कार्यशाला

जीन्द
शासनश्री साध्वी कुंथुश्री जी के सान्‍निध्य में तेरापंथ सभा भवन में तेयुप के तत्त्वावधान में जैन विद्या कार्यशाला का आयोजन किया गया। शासनश्री साध्वी कुंथुश्री जी ने तीन प्रकार के शल्य-माया शल्य, निदान शल्य, मिथ्यात्व शल्य के ऊपर चर्चा करते हुए कहा। मायावी व्यक्‍ति माया करके गहन कर्मों का बंध करता हुआ अधोगति को प्राप्त होता है। निदान करने वाला व्यक्‍ति निदान करने से अपनी तपस्या के फल को बेच देता है तथा निर्जरा नहीं कर पाता। मिथ्यात्वी व्यक्‍ति अज्ञान के वशीभूत होकर सही-गलत ही पहचान नहीं कर पाता, जिससे वह पाप क्रिया को प्रोत्साहन देता है।
कार्यशाला का संचालन तेयुप मंत्री कुणाल मित्तल ने किया। महाराज द्वारा कार्यशाला से संबंधित प्रश्‍न भी पूछे गए। सही जवाब देने वालों को तेरापंथ महिला मंडल द्वारा सम्मानित किया गया। इस अवसर पर कांता मित्तल, नारायण सिंह रोहिल्ला, डॉ0 अनिल जैन, डॉ0 सुरेश जैन, श्रीचंद जैन, राजकिशन जैन, राजेश जैन, आशु जैन उपस्थित रहे।