संस्कार निर्माण शिविर

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संस्कार निर्माण शिविर

केसिंगा
अभातेयुप के निर्देशन में तेयुप द्वारा तेरापंथ भवन में मुनि जिनेश कुमार जी के सान्‍निध्य में मंत्र दीक्षा तथा संस्कार निर्माण शिविर का आयोजन किया गया। नमस्कार महामंत्र के उच्चारण से कार्यक्रम प्रारंभ हुआ। सभाध्यक्ष मंगतराम ने सभी का स्वागत किया। अभातेयुप क्षेत्रीय सहयोगी तथा ज्ञानशाला आंचलिक संयोजक बीरेंद्र जैन ने कहा कि जीवन निर्माण और विकास के अनेक माध्यमों में एक छोटा किंतु सशक्‍त माध्यम हैमंत्र। किसी भी मंत्र में शब्द जितना महत्त्व है, उससे अधिक महत्त्व ध्वनि का है। मंत्र दीक्षा का उद्देश्य है बच्चों को महामंत्र से परिचित कराना और उसके प्रयोग से होने वाले लाभ का अनुभव कराना। संस्कारों का जागरण महत्त्वपूर्ण है।
मुनि जिनेश कुमार जी ने कहा कि संस्कारों के जागरण के लिए 4 बातों का ध्यान देना चाहिए। पूर्व भवों का संस्कार, माता-पिता के संस्कार, धार्मिक गुरु के संस्कार तथा मित्रों के संस्कार। मुनि परमानंद जी ने मंच संचालन किया। पूरे पश्‍चिम ओडिसा से करीब 120 बच्चों ने मंत्र दीक्षा ग्रहण की। ओड़िशा प्रांतीय तेरापंथी सभा के निवेदन से तथा स्थानीय तेरापंथी सभा के आयोजन में एक दिवसीय संस्कार निर्माण शिविर भी हुआ। केसिंगा, टिटिलागढ़, सिंधिकेला, बेलपड़ा, तुसरा, कांटाबांजी, कुरसूद, भवानीपटना, चंदूतरा, बालंगीर, राजखरियार, नवरंगपुर से करीब 120 बच्चों ने इस शिविर में भाग लिया। उम्र के हिसाब से कंठस्थ की अलग-अलग क्लास लगाया गई। बच्चों ने बड़ी उत्सुकता से सभी सत्रों में भाग लिया। प्रतिभागियों को स्थानीय सभा द्वारा पुरस्कृत किया गया। सभी प्रशिक्षिकाओं को साहित्य से सम्मानित किया गया। ओडिशा सभा के मंत्री अनूप कुमार जैन ने सभी का आभार ज्ञापन किया।