तत्त्वबोध कार्यशाला

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तत्त्वबोध कार्यशाला

साहुकारपेट, चेन्‍नई
साध्वी अणिमाश्री जी के सान्‍निध्य में महिला मंडल के तत्त्वावधान में तेरापंथ भवन में ‘पाए अवबोध सीखें तत्त्वबोध’ पर कार्यक्रम आयोजित हुआ। इस अवसर पर साध्वीश्री जी ने कहा कि तत्त्वज्ञान आत्मा का बोध कराने वाला दिशादर्शन है। आत्मज्ञान पाने की महत्त्वपूर्ण दिशा तत्त्वबोध है, इससे वैराग्य बढ़ता है, चरित्र में निर्मलता आती है। बहनों को तत्त्वज्ञान व तेरापंथ दर्शन की परीक्षा से जुड़ना चाहिए। परीक्षा एक माध्यम है स्वाध्याय करने का।
साध्वीवृंद ने गीतिका के संगान के माध्यम से तत्त्वज्ञान से जुड़ने की प्रेरणा दी। साध्वी सुधाप्रभा जी ने कहा कि वीतरागता का सशक्‍त सोपान हैतत्त्वज्ञान। तेरापंथ दर्शन, तत्त्वज्ञान, तेरापंथ दर्शन की परीक्षा में सभी वर्ग के लोग ज्यादा-से-ज्यादा इस परीक्षा से जुड़ें।
दूसरे चरण में अभातेममं के निर्देशानुसार आयोजित होने वाली तत्त्वज्ञान, तेरापंथ दर्शन की परीक्षा में उत्तीर्ण होने वाली परीक्षार्थी बहनों को प्रमाण पत्र एवं मोमेंटो द्वारा सम्मानित किया गया। अध्यक्ष पुष्पा हिरण ने अपने विचार व्यक्‍त किए। तुलसी शिक्षा परियोजना के कार्यक्रम की संयोजिका पुष्पा हिरण एवं सह-संयोजिका प्रीति डूंगरवाल एवं केंद्र द्वारा नियुक्‍त प्रशिक्षिका दीपाली सेठिया का सभी सम्मान किया गया। संयुक्‍त रूप से संचालन प्रीति डूंगरवाल एवं रीमा सिंघवी ने किया।
इस अवसर पर कनक कला कौशल प्रतियोगिता के विजेताओं, संयोजिका एवं निर्णायकों का भी मोमेंटो एवं साहित्य के द्वारा सम्मान किया गया। इस अवसर पर तेममं के पदाधिकारी एवं कार्यसमिति सदस्यों के साथ तेरापंथ सभाध्यक्ष प्यारेलाल पितलिया एवं समाज के गणमान्य व्यक्‍तियों की विशेष उपस्थिति रही।