मंत्र दीक्षा के आयोजन - बच्चों के आध्यात्मिक विकास का माध्यम है ज्ञानशाला

संस्थाएं

मंत्र दीक्षा के आयोजन - बच्चों के आध्यात्मिक विकास का माध्यम है ज्ञानशाला

बोलाराम

साध्वी काव्यलता जी ने बच्चों को मंत्र दीक्षा का संकल्प करवाते हुए कहा कि नमस्कार महामंत्र 14 पूर्वों का सार है। इसलिए इसे सर्वश्रेष्ठ मंत्र माना गया है। साध्वीश्री जी ने बच्चों को प्रतिदिन 27 बार महामंत्र के स्मरण करने का संकल्प करवाया। दुर्व्यसनों से दूर रहकर माता-पिता के प्रति विनम्र रहने की विशेष प्रेरणा दी। साध्वी ज्योतियशा जी ने कहा कि बच्चा अगर हमेशा मधुर वाणी का प्रयोग करता है तो वह सबको प्रिय लगता है। साध्वी सुरभिप्रभा जी ने मधुर गीत का संगान कर सभा को मंत्रमुग्ध कर दिया।
कार्यक्रम में तेममं की नवनिर्वाचित अध्यक्ष अनिता गीड़िया एवं तेयुप के नवनिर्वाचित अध्यक्ष प्रवीण श्यामसुखा को बोलाराम के सभा अध्यक्ष रतनलाल सुराणा, महिला मंडल की अध्यक्ष दमयंती जैन ने प्रतीक पहनाकर सम्मान किया। कार्यक्रम में तेरापंथी सभा के पूर्व अध्यक्ष राजकुमार सुराणा ने बोलाराम क्षेत्र को हैदराबाद तेरापंथ श्रावक समाज की राजधानी के रूप में बताते हुए प्रसन्‍नता जाहिर की। संचालन साध्वी ज्योतियशा जी ने किया।