साध्वी गुणश्री जी के प्रति काव्यांजलियाँ

साध्वी गुणश्री जी के प्रति काव्यांजलियाँ

अर्हम्

साध्वी खुशीप्रभा 

संयम साधना स्यूँ जीवन महकायो।
चमचम चमकै भाल च्यानणो फैलायो॥

बा वत्सलता समता ममता,
अनुपम लागो सबनै गमता,
कबाम पड्यो जद् खरो समर्पण करके दिखलायो॥

ॠजुता मृदुता थांरी मनभाई,
कष्टां में कदी ना कुम्हलाई,
महानिर्जरा पथ चला, कुल चमकायो॥

ज्योतिर्मय जीवन थे जीयो,
हरपल उपशम रस थे पीयो,
ज्ञान, ध्यान, आगम वाणी में ही जीवन वार्यो॥

म्हांरे जीवन में साहस भरज्यो,
स्वर्गां में भी मत भूलिज्यो,
भैक्षव शासन, गुरु महाश्रमण रो हैं सायो॥

लय : स्वामी भीखणजी रो नाम