नमिमुनि ने बनाया कई आचार्यों के शासनकाल का तप कीर्तिमान

नमिमुनि ने बनाया कई आचार्यों के शासनकाल का तप कीर्तिमान

इंदौर
उग्रविहारी तपोमूर्ति मुनि कमल कुमार जी स्वामी के सान्‍निध्य में मुनि नमिकुमार जी ने 71 वर्ष की अवस्था में 62 दिन की तपस्या का प्रत्याख्यान किया। इस अवसर पर मुनिश्री ने उद्गार व्यक्‍त करते हुए कहा कि मुनि नमिकुमार जी ने मात्र पाँच वर्ष में एक से पंद्रह तक की तप लड़ी के साथ आठ मासखमण वह 62 दिन की तपस्या करके आचार्यश्री महाश्रमण जी के शासनकाल में एक कीर्तिमान बना दिया। मुझे लगता है कि कई आचार्यों के शासनकाल का इतिहास बन गया। तपस्या काल में जाप, ध्यान, स्वाध्याय के साथ स्वावलंबी जीवन जीना बहुत बड़ी बात है। यह सब पूज्यप्रवर के आशीर्वाद से ही संभव हो सका। चालीस की तपस्या पर मैंने पूज्य से निवेदन करवाया कि नमिमुनि तपस्या में आगे बढ़ना चाहते हैं उसके लिए पूज्यप्रवर की अनुमति चाहिए। पूज्यप्रवर ने अर्जी पर मर्जी करते हुए संदेश प्रदान किया कि उग्रविहारी तपोमूर्ति मुनि कमल कुमार जी स्वामी के लिए अनुकूलता लगे तो मुनि नमिकुमार जी तपस्या में आगे बढ़ सकते हैं। गुरुदेव के अमृतमय आशीर्वाद से ही यह इतना लंबा तप सानंद संपन्‍न हो सका। इस अवसर पर साधु-साध्वियों की जो प्रमोद भावना प्राप्त हुई वह भी नमि मुनि के लिए बड़ी सहायक बनी।
बहुश्रुत परिषद के संयोजक प्रो0 मुनि महेंद्र कुमार जी, मुनि ज्ञानेंद्र कुमार जी, मुनि चैतन्य कुमार जी, मुनि प्रशांत कुमार जी, मुनि दिनेश कुमार जी, मुनि हिमांशु कुमार जी, मुनि योगेश कुमार जी, मुनि सुधाकर जी, मुनि सिद्धकुमार जी। शासनश्री साध्वी रत्नश्री जी, शासनश्री साध्वी मदनकुमारी जी, शासनश्री साध्वी मदन कंवर जी, शासनश्री साध्वी कंचनप्रभा जी, शासनश्री साध्वी मंजुरेखा जी, शासनश्री साध्वी सोमलता जी, साध्वी लावण्यश्री जी, साध्वी अणिमाश्री जी, साध्वी कीर्तिलता जी, साध्वी कनकरेखा जी, साध्वी परमयशा जी, साध्वी मंगलप्रज्ञा जी एवं प्रदीप छाजेड़, प्रकाश डाकलिया, तनसुख बैद, जितेंद्र घोषल, महिमा पटावरी आदि-आदि के गीत व उद्गार प्राप्त हुए। इस अवसर पर मुनि कमल कुमार जी, मुनि अमन कुमार जी ने भी भावपूर्ण गीत प्रस्तुत कर सबको मंत्रमुग्ध कर दिया।
मुनि नमि कुमार जी ने अपने वक्‍तव्य में सबके प्रति आभार ज्ञापन कर सबको आश्‍चर्यचकित कर दिया। कार्यक्रम को सफल बनाने में जैन श्‍वेतांबर तेरापंथी सभा, तेरापंथ महिला मंडल, तेरापंथ युवक परिषद का महनीय सहयोग प्राप्त हुआ। स्थानकवासी संप्रदाय के संत सुमति मुनि के सहयोगी जय सुंदर मुनि के विचारों को भी यशवंत सेठ ने पढ़कर सुनाया।
तेरापंथ धर्मसंघ की 611 शाखाओं की सर्वोच्च संस्था जैन श्‍वेतांबर तेरापंथी महासभा के अध्यक्ष सुरेश गोयल ने अगले दिन उपस्थित होकर मुनिश्री के तप के प्रति आध्यात्मिक मंगलकामना प्रकट की। सभा मंत्री प्रेम बैद ने मुनिश्री के प्रति अपनी भावना व्यक्‍त की। कार्यक्रम संघ प्रभावक रहा।