जीवन निर्माण का पहला सोपान है मंत्र दीक्षा

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जीवन निर्माण का पहला सोपान है मंत्र दीक्षा

दक्षिण मुंबई
शासनश्री साध्वी विद्यावती जी ‘द्वितीय’ के सान्‍निध्य में मंत्र दीक्षा का कार्यक्रम आयोजित किया गया। साध्वीश्री जी द्वारा नमस्कार महामंत्र का उच्चारण किया गया। तत्पश्‍चात ज्ञानशाला की प्रशिक्षिका बहनों ने मंगलाचरण किया।
अभातेयुप के तत्त्वावधान में तेयुप द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में ज्ञानार्थियों द्वारा नमस्कार महामंत्र पर गीत के साथ नृत्य की प्रस्तुति दी गई। ज्ञानशाला द्वारा पाँच पाप पर रोचक संवाद प्रस्तुत किया गया। स्वागत वक्‍तव्य तेयुप के अध्यक्ष पूरण चपलोत ने किया। साध्वी प्रियंवदा जी ने कहा कि गुरुदेव तुलसी द्वारा प्रारंभ किया गया यह मंत्र दीक्षा का उपक्रम बच्चों के जीवन निर्माण का पहला सोपान है। संस्कारों के बीजारोपण का यह श्रेष्ठ उपक्रम है। साध्वी विद्यावती जी ने कहा कि मंत्र दीक्षा जीवन को उज्ज्वल एवं निर्मल बनाने में सहायक तत्त्व है। साध्वीश्री जी ने लगभग 30 बच्चों को पाँच संकल्प दिलाते हुए मंत्र दीक्षा प्रदान की। मंत्र दीक्षा के संस्कार से संस्कारित होने वाले ज्ञानार्थियों को आयोजकों द्वारा आवश्यक सामग्री प्रदान की गई।
नन्हे बालक सक्षम सिंघवी द्वारा सुंदर गीत की प्रस्तुति देखकर सब भावविभोर हो गए। आभार ज्ञापन तेयुप मंत्री रौनक धाकड़ ने किया। कार्यक्रम का संचालन ज्ञानशाला संयोजिका राज कच्छारा ने किया।
कार्यक्रम में सभा-संस्थाओं के पदाधिकारी, कार्यकर्तागण की उपस्थिति के साथ-साथ उनका सराहनीय सहयोग रहा।