भगवान महावीर इस भारत भू पर दिव्य ज्योति बनकर आए

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भगवान महावीर इस भारत भू पर दिव्य ज्योति बनकर आए

कांकरोली।
साध्वी मंजुयशा जी के सान्निध्य में जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर भगवान महावीर का 2049वाँ निर्वाण दिवस मनाया गया। इस दिन 24 घंटे का जप अनुष्ठान चला। इस आध्यात्मिक जप अनुष्ठान में श्रावक-श्राविका समाज ने उत्साह से भाग लिया। कार्यक्रम का प्रारंभ साध्वीश्री जी ने नमस्कार महामंत्र के मंगल संगान के साथ किया। सामूहिक रूप से पार्श्वनाथ की मंगल स्तुति की गई। साध्वीश्री जी ने कहा कि भगवान महावीर इस भारत की पुण्य धरा पर एक महा ज्योति बनकर आए। राजा सिद्धार्थ कुल में रानी त्रिशला की पावन कुक्षी से एक दिव्य आत्मा का अवतरण हुआ। राज्य में धन-धान्य की अभिवृद्धि होने से उस तेजस्वी बालक का नाम वर्धमान दिया। वर्धमान करीब तीस वर्ष तक गृहवास में रहे। फिर आत्मकल्याण एवं आत्म-ज्योति को पाने के लिए संन्यास जीवन की ओर प्रस्थान किया। भगवान महावीर के मुख्य तीन सिद्धांत हैंµअहिंसा, अनेकांत एवं अपरिग्रह। साध्वीवृंद ने सामूहिक रूप से सुमधुर गीत प्रस्तुत कर पूरी परिषद को भाव-विभोर कर दिया। कुछ देर साध्वीश्री जी ने सामूहिक जप भी करवाया। मंगलपाठ से कार्यक्रम संपन्न हुआ।