गुरुदेव श्री तुलसी थे विकास पुरुष महामानव

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गुरुदेव श्री तुलसी थे विकास पुरुष महामानव

आचार्यश्री तुलसी के 109वें जन्मोत्सव के आयोजन

कांदिवली
आचार्यश्री तुलसी का 109वाँ जन्म दिवस अणुव्रत दिवस के रूप में तेरापंथ भवन, कांदिवली में साध्वी निर्वाणश्री जी के सान्निध्य में मनाया गया। साध्वीश्री जी ने कहा कि अणुव्रत के माध्यम से आचार्य तुलसी ने आचारणात्मक धर्म को जो स्वरूप प्रतिपादित किया उसे सुन-समझकर नास्तिकों ने भी अपने आपको आस्तिक कहते हुए गौरव का अनुभव किया। जाति, संप्रदाय, वर्ग, वर्ण आदि से ऊपर उठकर अणुव्रत के रूप में उन्होंने जिस धर्म का प्रतिपादन किया वह मानवता का पथदर्शक है।
साध्वी डॉ0 योगक्षेमप्रभा जी ने कहा कि आचार्य तुलसी व्यक्तित्व निर्माण की टकशाल थे। उन्होंने अनगिनत लोगों को अध्यात्म के राजपथ पर बढ़ने का आह्वान किया। इस अवसर पर साध्वी लावण्यप्रभा जी ने गीत एवं साध्वी कुंदनयशा जी ने कविता के माध्यम से अपने भावों की प्रस्तुति दी। कांदिवली तेरापंथ सभा की ओर से अध्यक्ष पारसमल दुगड़ ने आचार्य तुलसी के अवदानों की चर्चा की। मलाड़ सभा के अध्यक्ष इंद्रमल कच्छारा ने भी अपनी प्रस्तुति दी। स्नेहलता चोरड़िया, शांति पुगलिया, वीणा श्यामसुखा आदि ने प्रासंगिक रूपों में अपनी अभिव्यक्ति दी।
अणुव्रत समिति के स्थानीय संयोजक प्रकाश हिरण ने आभार ज्ञापन किया। कार्यक्रम का शुभारंभ स्थानीय महिला मंडल द्वारा प्रस्तुत गीत से हुआ। महिला मंडल की अध्यक्षा रचना हिरण ने नारी जाति की अस्मिता को प्रतिष्ठित करने में आचार्यश्री तुलसी द्वारा किए गए प्रयासों की स्मृति करते हुए श्रद्धा समर्पित की। संचालन विमला देवी दुगड़ ने किया।