धर्माराधना का श्रेष्ठ समय - चातुर्मास

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धर्माराधना का श्रेष्ठ समय - चातुर्मास

हैदराबाद
साध्वी निर्वाणश्री जी का जुलूस के साथ चातुर्मास हेतु मंगल प्रवेश हुआ। सहवर्ती साध्वीवृंद के साथ साध्वीश्री जी ने प्रफुल्लचंद भंडारी के आवास से भव्य जुलूस की अगवानी करते हुए प्रस्थान किया। कन्या मंडल, ज्ञानशाला, तेयुप, टीपीएफ, अणुव्रत समिति, तेममं व तेरापंथ सभा परिवार की विशेष उपस्थिति के साथ साध्वीश्री भंडारी भवन में पधारी। तेममं के आगापुर जोन की बहनों ने स्वागत गीत का संगान किया। आचार्यश्री महाश्रमण चातुर्मास व्यवस्था समिति के पूर्व अध्यक्ष महेंद्र भंडारी ने अपने घर-आँगन में साध्वीश्री जी का भावभरा स्वागत किया।
साध्वी निर्वाणश्री जी ने कहा कि चातुर्मास धर्म साधना का श्रेष्ठ समय है। इस अवसर का अपना महत्त्व है। आज मैं सरलमना साध्वी सूरजकुमारी जी की स्मृति करती हूँ जिनका मुझे अपार वात्सल्य मिला।
साध्वी डॉ0 योगक्षेमप्रभा जी ने कहा कि आज ज्ञानबाग कॉलोनी ज्ञान का बाग में खिला है। आगापुरा में नई रौनक है, नई बहार है, ज्ञान, दर्शन, चरित्र, तप और वीर्य की आराधना के लिए उपयुक्‍त वातावरण निर्मित हो गया है। साध्वी योगक्षेमप्रभा जी, साध्वी लावण्यप्रभा जी, साध्वी कुंदनयशा जी, साध्वी मुदितप्रभा जी, साध्वी मधुरप्रभा जी ने गीतों की प्रस्तुति से सबका मन मोह लिया।
जैन सेवा संघ के अध्यक्ष अशोक बरमेचा, तेरापंथी सभा, सिकंदराबाद अध्यक्ष सुरेश सुराणा, मंत्री सुशील संचेती, तेयुप के मंत्री अतुल डूंगरवाल, टीपीएफ के मंत्री सुनिल पगारिया, महिला मंडल की पूर्व अध्यक्षा प्रेम पारख, आगापुर से ताराचंद भंडारी, इंद्रचंद सेठिया, दिलीप डागा, अणुव्रत समिति से विजयराज आंचलिया, मंजु सुराणा, ज्ञानशाला के बालक-बालिकाओं आदि ने साध्वीश्री जी का स्वागत किया। तेममं से सरोज भंडारी, सुमन दुगड़ व सुनीता ने गीत का संगान किया। ज्ञानशाला प्रशिक्षिकाओं ने भावपूर्ण गीत की प्रस्तुति दी। मंच संचालन ज्ञानशाला प्रशिक्षिका हेमा बांठिया ने किया। इस अवसर पर सभा-संस्था के पदाधिकारी एवं सदस्यगण उपस्थित रहे।