ज्ञान, दर्शन, चारित्र और तप की करें आराधना

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ज्ञान, दर्शन, चारित्र और तप की करें आराधना

बोलाराम
साध्वी काव्यलता जी ने तेरापंथ भवन में स्वागत समारोह में कहा कि हम भाग्यशाली हैं कि इस कलिकाल में हमें भगवान महावीर का जिन शासन मिला। साथ ही तेरांपथ धर्मसंघ में साधना करने का दुर्लभ अवसर प्राप्त है। हमने चातुर्मास के लिए बोलाराम तेरापंथ भवन में प्रवेश किया है। ज्ञान, दर्शन, चारित्र तप की चर्चा कर जीवन परिष्कृत हो यह प्रयत्न करेंगे।
साध्वी ज्योतियशा जी, साध्वी सुरभिप्रभा जी ने ‘यात्रा की कहानी हमारी जुबानी’ के माध्यम से पूरे चातुर्मास में होने वाले कार्यों की चर्चा की। मंच का संचालन बोलाराम सभा अध्यक्ष रतन सुराणा ने किया। स्वागत जुलूस रैली संजय, दिनेश,विजय सुराणा के प्रवास स्थल से जयनारों के बुलंद स्वरों से प्रारंभ हुई। तेरापंथ सभा के सभी सदस्य, युवा शक्‍ति, महिला मंडल, ज्ञानशाला के विद्यार्थी अपने-अपने गणवेश में साध्वीश्री जी की अगवानी की। ज्ञानशाला के बच्चों ने मंगलाचरण से स्वागत समारोह का शुभांरभ किया। तेममं ने मधुर स्वर लहरियों से एवं तेयुप के संगठन मंत्री नवीन लुणिया ने स्वागत किया। सरला मेहता, विजय सुराणा, पंकज संचेती, जैन सेवा संघ का प्रतिनिधित्व करते हुए अशोक संचेती, तीनों संप्रदायों का प्रतिनिधित्व करते हुए विनोद संचेती, दमयंती सुराणा, वरिष्ठ श्रावक करणीसिंह बरड़िया, मानव हितकारी संघ राणावास के अध्यक्ष संपत भंडारी, अणुव्रत समिति के अध्यक्ष प्रकाश भंडारी, स्थानकवासी संप्रादय के मंत्री जितेंद्र सुराणा ने स्वागत में भाव रखे।
राघवेंद्र कॉलोनी से समागत राजीव बरमेचा, प्रकाश बरड़िया, विकास सुराणा ने यहाँ पहुँचकर मुक भावनाओं से साध्वीश्रीजी का अभिवादन किया। बोलाराम तेरापंथी सभा के मंत्री अनिल नवलखा ने धन्यवाद ज्ञापन किया।