पहला तीर्थ पहला मंदिर माँ

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पहला तीर्थ पहला मंदिर माँ

मंडिया।
साध्वी डॉ0 गवेषणाश्री जी के सान्निध्य में तेरापंथी सभा द्वारा ‘पहला तीर्थ पहला मंदिर माँ’ कार्यशाला का आयोजन किया गया। साध्वी डॉ0 गवेषणाश्री जी ने कहा कि माँ की ममता और उसके आंचल की महिमा को शब्दों में बयान नहीं किया जा सकता है, उसे सिर्फ महसूस किया जा सकता है, जिसने आपको और आपके परिवार को आदर्श संस्कार दिए। उनके दिए गए संस्कार ही आपकी मूल थाती है, जो हर माँ की मूल पहचान होती है।
साध्वी मयंकप्रभा जी ने कहा कि संसार महान व्यक्तियों के बिना रह सकता है, लेकिन माँ के बिना रहना एक अभिशाप की तरह है। इसलिए संसार माँ का महिमा मंडन करता है, उसके गुणगान करता है, इसके लिए मदर्स-डे, मातृ दिवस या माताओं का दिन चाहे जिस नाम से पुकारें, दिन निर्धारित है। साध्वी मेरुप्रभा जी, साध्वी दक्षताप्रभा जी ने माँ की ममता में सुमधुर गीतिका प्रस्तुत की। सभा अध्यक्ष नरेंद्र दक, मंत्री महावीर भंसाली, विनोद भंसाली, तेयुप अध्यक्ष प्रवीण दक, मंत्री कमलेश गोखरू, महिला मंडल अध्यक्षा पुष्पा बाफना, मंत्री पूनम बोहरा ने अपने विचार व्यक्त किए। श्रावक-श्राविकाओं की अच्छी उपस्थिति रही।