संस्कारों की विरासत का हो संरक्षण

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संस्कारों की विरासत का हो संरक्षण

माधावरम्, चेन्नई।
श्री जैन श्वेतांबर तेरापंथ माधावरम् ट्रस्ट के तत्त्वावधान में ‘पॉजिटिव पॉवरफुल टिप्स एंड सीक्रेट्स फॉर एफेक्टिव पेरेंटिंग विषयक कार्यशाला का आयोजन जैन तेरापंथ नगर, जय समवसरण में मुनि सुधाकर जी के सान्निध्य में रखा गया। मुनि सुधाकर कुमार जी ने कहा कि अभिभावकों का चरित्र मार्गदर्शन और प्रेरणादायक होना चाहिए। आज की नई पीढ़ी हर बात को समझकर ग्रहण करती है। बच्चे बड़ों के आचार-व्यवहार का अनुसरण करते हैं। उन पर शब्दों से अधिक चरित्र का प्रभाव होता है।
मुनिश्री ने आगे कहा कि संस्कारों की विरासत, धन की विरासत से अधिक मूल्यवान है। उसका संरक्षण और संवर्धन करना हर व्यक्ति का परम कर्तव्य है। परिवार और समाज का भविष्य संस्कारों की संपत्ति से ही सुरक्षित रहता है। मुनि नरेश कुमार जी ने गीतिका का संगान किया। मंगलाचरण मंडल की बहनों ने किया। स्वागत भाषण सुरेश रांका ने दिया। तत्पश्चात एक लघु नाटिका के माध्यम से बच्चों को कैसे संस्कार दें, इसके बारे में बताया गया। कार्यक्रम का संचालन अंजु फूलफगर एवं कविता मेड़तवाल ने किया। इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में श्रावकगण उपस्थित थे। इस कार्यशाला को सफल बनाने में संयोजक चंद्रा धोका, नरेंद्र फूलफगर एवं विकास धोका का श्रम रहा।