अणुव्रत उद्बोधन सप्ताह का आयोजन

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अणुव्रत उद्बोधन सप्ताह का आयोजन

जसोल।
अणुव्रत समिति के तत्त्वावधान में शासनश्री साध्वी सत्यप्रभा जी के सान्निध्य में पहला दिन सांप्रदायिक सौहार्द दिवस के रूप में मनाया गया। सर्वप्रथम नवरात्रि स्थापना के नवाह्निक अनुष्ठान के पश्चात अणुव्रत समिति की महिलाओं ने अणुव्रत गीत से मंगलाचरण किया। अणुव्रत समिति के अध्यक्ष पारसमल गोलेच्छा ने स्वागत भाषण प्रस्तुत किया। प्रभारी भूपतराज कोठारी ने अणुव्रत संकल्प की जानकारी दी। साध्वी ध्यानप्रभा जी, साध्वी श्रुतप्रभा जी ने गीत की प्रस्तुति दी। मुख्य अतिथि सेंट पोल स्कूल के फादर रोनाड ने कहा कि मानव जाति के लिए आपसी सौहार्द या सद्भाव होना अत्यंत आवश्यक है। ब्रह्मकुमारी आश्रम की बहन अस्मिता दीदी ने कहा कि सभी संप्रदायों, धर्मों को एक मानकर चलकर हमें सभी को मानव कल्याण की बात सोचनी चाहिए। मौलाना शौकत अली अकबरी ने कहा धर्म एक ही है केवल मानव धर्म राम, रहीम, केशव, करीम, अल्लाह शब्द सभी एक हैं ईश्वर एक ही है, पर उसके नाम अलग-अलल हो सकते हैं।
साध्वी सत्यप्रभा जी ने कहा कि अणुव्रत अनुशास्ता आचार्यश्री तुलसी ने राष्ट्र के अहिंसक और नैतिक चरित्र निर्माण के लिए अणुव्रत आंदोलन का प्रवर्तन किया। अणुव्रत का लक्ष्य है जाति, संप्रदाय, लिंग, वर्ग, भाषा और प्रांत के भेदों को मिटाकर मानव मात्र में मानवता की भावना पैदा करना। आभार व्यक्त तेरापंथ सभा के अध्यक्ष उषभराज तातेड़ ने किया। कार्यक्रम का संचालन मंत्री सफरू खान ने किया। इससे पूर्व मुख्य अतिथियों का अणुव्रत दुपट्टा पहनाकर स्वागत किया। अणुव्रत उद्बोधन सप्ताह का दूसरा दिन अणुव्रत जीवन-विज्ञान दिवस शासनश्री साध्वी सत्यप्रभा जी के सान्निध्य में नवकार विद्या मंदिर माध्यमिक में मनाया गया। साध्वी सत्यप्रभा जी की अनुप्रेरणा से सहवर्ती साध्वी ध्यानप्रभा जी व साध्वी श्रुतप्रभा जी ने पाथेय प्रदान किया। नवकार मंत्र से कार्यक्रम की शुरुआत हुई। चंद्रप्रकाश खत्री द्वारा स्वागत भाषण किया गया।
अणुव्रत प्रेरणा दिवस शासनश्री साध्वी सत्यप्रभा जी के सान्निध्य में पाठशाला सेकंडरी स्कूल में आयोजित किया गया। सर्वप्रथम अणुव्रत समिति महिला मंडल की लीलादेवी सालेचा द्वारा अणुव्रत गीत से मंगलाचरण किया गया। विद्यालय की बालिकाओं द्वारा स्वागत गीत प्रस्तुत किया गया। विद्यालय के प्रधानाध्यापक नरेंद्र सिंह मेवानगर द्वारा स्वागत भाषण प्रस्तुत किया गया। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता शिक्षाविद् ईश्वर सिंह इंदा ने अणुव्रत की आचार संहिता को समझाया। अणुव्रत समिति के अध्यक्ष पारसमल गोलेच्छा ने स्वागत भाषण प्रस्तुत किया। विद्यालय के संरक्षक कालूराम संखलेचा ने आभार प्रकट किया।
श्रीमती सुआदेवी भंसाली राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय में साध्वीश्री जी के सान्निध्य में पर्यावरण शुद्धि दिवस का आयोजन किया गया। सर्वप्रथम नवरात्रि स्थापना के नवाह्निक अनुष्ठान के पश्चात साध्वीश्री के मंगलपाठ से शुभारंभ हुआ। स्कूल की बालिकाएँ एवं अणुव्रत समिति की लीलादेवी सालेचा ने मंगलाचरण व अणुव्रत समिति अध्यक्ष ने स्वागत भाषण प्रस्तुत किया। साध्वी ध्यानप्रभा जी ने कहा कि प्रदूषित पर्यावरण की वजह से भयंकर बीमारियाँ और महामारियाँ जन्म ले रही हैं, जो मानव जाति के लिए विनाशकारी हैं। हरे-भरे पेड़ नहीं काटना, पानी-बिजली का संयम व गंदगी न फैलाना आदि का संकल्प दिलाए। साध्वी श्रुतप्रभा जी ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण स्वस्थ जीवन के लिए इस पृथ्वी पर निवास करने वालों को हरसंभव प्रयास करना चाहिए।
एस0एन0 बोहरा उच्च माध्यमिक विद्यालय में नशामुक्ति दिवस मनाया गया। साध्वीश्री जी ने नवकार मंत्र से कार्यक्रम शुभारंभ किया। लीलादेवी सालेचा व मंजु देवी डोसी ने अणुव्रत गीत से मंगलाचरण किया। मोहनलाल खंडेलवाल ने कहा क नशा स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है, हमारे शरीर को धीरे-धीरे करके मारता है। बालोतरा प्रधान भगवतसिंह ने नशामुक्ति पर प्रकाश डाला। साध्वी श्रुतप्रभा जी ने कहा कि आज हर युवा नशे की चपेट में है। नशा नाश का द्वार है, नशा जीवन में कभी भी नहीं करना चाहिए। साध्वी यशस्वीप्रभा जी ने कहा कि नशा का सेवन करना अर्थात् स्वयं के मृत्यु का कारण बन सकता है। अणुव्रत समिति की ओर से अतिथियों का दुपट्टा पहनाकर स्वागत किया।
अनुशासन दिवस पर अणुव्रत समिति के सदस्यों एवं अतिथि के द्वारा माँ शारदा के समक्ष दीप प्रज्वलन कर अहिंसा छतरी का विमोचन किया गया। विद्यालय की बहनों द्वारा अणुव्रत गीत की प्रस्तुति दी। विद्यालय के आचार्य अवतारसिंह ने अतिथियों का स्वागत कर अपने विचार व्यक्त किए। जिला परिषद सदस्य उमाराम पटेल ने कहा कि हमारे जीवन में अनुशासन बेहद जरूरी है, क्योंकि समाज के संतुलन को बनाए रखने के लिए हमें कुछ खास तरह की आचार-संहिता में रहना पड़ता है, ताकि हम अपने आपको अच्छे इंसान के रूप में विकसित कर सकें। सभा के पूर्व अध्यक्ष मोतीलाल जीरावला ने कहा कि अनुशासन का मतलब है नैतिक तरीके से काम करना, घर के बाद स्कूल हमारा दूसरा स्थान है जहाँ हम अनुशासन सीखते हैं।
साध्वी सत्यप्रभा जी ने कहा कि सफलता का पहला सूत्र है-अनुशासन। अणुव्रत समिति की ओर से अतिथियों का दुपट्टा पहनाकर स्वागत किया। विद्यालय के बच्चों ने अणुव्रत आचार संहिता संकल्प लिया साथ ही संकल्प पत्र भरवाया गया। शासनश्री साध्वी सत्यप्रभा जी के सान्निध्य में अहिंसा दिवस मनाया गया। नवरात्रि स्थापना के नवाह्निक अनुष्ठान से कार्यक्रम प्रारंभ हुआ। मुख्य अतिथियों, तेरापंथ सभा, अणुव्रत समिति के पदाधिकारियों ने अहिंसा छतरी का विमोचन किया। साध्वीवृंद ने गीतिका का संगान किया। एसएचओ पुलिस थाना अधिकारी डिंपल कंवर ने कहा कि अहिंसा का सामान्य अर्थ है-हिंसा न करना। डीटीओ भगवानदास गहलोत ने कहा कि अहिंसा को सरल भाषा में समझें तो हिंसा न करना या किसी को नुकसान न पहुँचाना।
साध्वी सत्यप्रभा जी ने कहा कि जैन धर्म का मूल सिद्धांत है-अहिंसा। भगवान महावीर ने अहिंसा के रूप में एक ऐसा वरदान हमको दिया, जिससे हम अपने जीवन को मोक्षगामी बना सकते हैं। ईश्वरसिंह इंदा ने अपने भाव व्यक्त किए। तेरापंथ महासभा, जोधपुर संभागी प्रभारी गौतमचंद सालेचा ने कहा कि अहिंसा से लोगों में तनाव कम होता है। अणुव्रत समिति के द्वारा अतिथिगण को अणुव्रत दुपट्टा पहनाकर स्वागत किया। इस कार्यक्रम का संचालन भूपतराज कोठारी ने किया।