त्रिदिवसीय आध्यात्मिक कला प्रदर्शनी का समापन

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त्रिदिवसीय आध्यात्मिक कला प्रदर्शनी का समापन

गंगाशहर।
मुनि शांति कुमार जी के सान्निध्य में तीन दिवसीय आध्यात्मिक कला प्रदर्शनी का समापन हुआ। प्रदर्शनी में साधु-साध्वियों द्वारा निर्मित प्राचीन पांडुलिपियाँ, सूक्ष्माक्षर पत्र, हस्तनिर्मित कलाकृतियों का दर्शकों में इतना आकर्षण रहा कि दो दिवसीय इस प्रदर्शनी का एक दिन और बढ़ाया गया। प्रदर्शनी में 200 वर्ष प्राचीन जैन लोक का चित्र जनता के लिए खास आकर्षण का केंद्र रहा, वहीं एक छोटे से पत्र पर पंचसूत्रम् जिसमें छह हजार अक्षर लिखे गए थे, वह भी सबको चकित करने वाला रहा। हाथ से बनाई जाने वाली स्याही भी यहाँ रखी गई, जिसे आज भी तेरापंथ धर्मसंघ में साध्वियों द्वारा तैयार किया जाता है।
तेयुप के तत्त्वावधान में तेरापंथ किशोर मंडल द्वारा आयोजित इस प्रदर्शनी में चित्र प्रतियोगिता के चित्रों को भी प्रदर्शित किया गया। अवलोकन के क्रम में बीकानेर सीएमएचओ डॉ0 अबरार पंवार, डॉ0 सिद्धार्थ असवाल, पुलिस निरीक्षक (एसीबी), पिंकी गंगवाल, महेंद्र पंचारिया, सुनील दत्त रंगा, कमल जोशी, पूर्व महापौर नारायण चोपड़ा, पेंटर धर्मा आदि ने प्राचीन कलाकृतियों को देख इसे एक अमूल्य धरोहर बताया। प्रदर्शनी के संयोजन में तेयुप व किशोर मंडल सदस्यों की सहभागिता रही।