हमारे विचार अग्निशिखा ज्यों ऊर्ध्वमुखी हों

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हमारे विचार अग्निशिखा ज्यों ऊर्ध्वमुखी हों

माधावरम्।
तेरापंथ माधावरम् ट्रस्ट के तत्त्वावधान में आयोजित नवाह्निक अनुष्ठान के पाँचवें दिन मुनि सुधाकर कुमार जी ने कहा कि अग्नि को किधर से भी जलाओ, उसकी शिखा ऊपर की ओर रहेगी। पानी निम्नमुखी होता है। वह नीचे की ओर बहता है। हमारे विचार और संकल्प अग्निशिखा ज्यों ऊर्ध्वमुखी होने चाहिए, पानी की तरह निम्नमुखी नहीं। विचार और संकल्प ही हमारे भाग्य-विधाता हैं। मनुष्य अपने विचारों और संकल्पों से भिखारी और सम्राट होता है। हमें सम्राट का जीवन जीना चाहिए, भिखारी का नहीं।
मुनि नरेश कुमार जी ने नवाह्निक अनुष्ठान करवाया। इस अनुष्ठान के प्रायोजक दमयंतीबाई, मनोज कुमार सकलेचा का सम्मान तेरापंथ माधावरम् ट्रस्ट के ट्रस्टी रमेश परमार एवं माणकचंद आच्छा ने किया। कार्यक्रम का संचालन प्रवीण सुराणा ने किया।