अणुव्रत उद्बोधन सप्ताह का आयोजन

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अणुव्रत उद्बोधन सप्ताह का आयोजन

बालोतरा।
अणुव्रत उद्बोधन सप्ताह के अंतर्गत स्थानीय तेरापंथ भवन में सांप्रदायिक सौहार्द दिवस मनाया गया। मुनि मोहजीत कुमार जी ने कहा कि सभी धर्मों में सकारात्मकता ही असली सौहार्द है। वर्ण, जाति और संप्रदाय से ऊपर मानव धर्म है। विचारों का सामंजस्य ही धर्म है। सबके प्रति मैत्री, करुणा का भाव सदैव बना रहे, यही सौहार्द है। मुनि जयेश कुमार जी ने कहा कि महान व्यक्ति चुनौतियों से घबराता नहीं है। अनेकता में एकता में विश्वास करना ही सौहार्द है। इस अवसर पर मौलाना पीर बक्श साहब ने कहा कि हर धर्म की धार्मिक किताब है। जगत में प्राणी मात्र को अपना हक मिलना चाहिए, यही आदर्श ही असली सौहार्द है।
ब्रह्मकुमारी संस्थान से उमा दीदी ने कहा कि जैसी दृष्टि वैसी सृष्टि, जैसा भाव वैसा काम और जैसी सोच वैसा ही फल मिलता है। अध्यात्म प्रत्येक व्यक्ति को मान्य है, मगर उसके अनुरूप कार्य करना भी आवश्यक है। कार्यक्रम में अणुव्रत गीत का संगान किया गया। पधारे हुए धर्मगुरु एवं अन्य विशिष्टजनों का स्वागत अध्यक्ष जरेवीलाल सालेचा द्वारा किया गया। समिति उपाध्यक्ष कमला देवी ओस्तवाल ने आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम का संचालन संयोजक नवीन सालेचा ने किया। अणुव्रत समिति द्वारा धर्मगुरुओं का साहित्य और फोल्डर द्वारा सम्मान किया गया।
जीवन विज्ञान दिवस पर स्थानीय वर्धमान सीनियर से0 विद्यालय में मुनि मोहजीत कुमार जी के सान्निध्य में कार्यक्रम आयोजित हुआ। मुनिश्री ने कहा कि जीवन विज्ञान शिक्षा जगत का प्रकल्प है। शिक्षा के साथ-साथ जीवन में बहुमुखी विकास के निर्माण में जीवन-विज्ञान बहुत उपयोगी है। यह समाज, राष्ट्र, परिवार में सुखद जीवन जीने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। मुनिश्री ने विद्यार्थियों को महाप्राण ध्वनि का प्रयोग करवाया और संकल्पों के साथ जीवन जीने की प्रेरणा प्रदान की।
द्वितीय चरण मुनिश्री ने कहा कि अभी नवरात्रि के अनुष्ठान का क्रम चल रहा है। हम सभी शक्ति के इस पर्व में मंत्रों की आराधना करते हुए अपने आपको शक्तिसंपन्न बनाने का प्रयास करें। जीवन-विज्ञान अपने आपमें जीवन जीने की कला है। कार्यक्रम में अणुव्रत गीत का संगान किया गया। अणुव्रत समिति के संरक्षक ओम बांठिया ने अपनी भावना व्यक्त की। विद्यालय प्राचार्य पूनमचंद सुथार ने मुनिश्री का स्वागत किया एवं समिति का आभार व्यक्त किया। अणुव्रत समिति द्वारा विद्यालय परिवार को फोल्डर और साहित्य भेंट किया गया। कार्यक्रम में विद्यालय ट्रस्टी पुष्पराज तातेड़, तेरापंथ सभा अध्यक्ष धनराज ओस्तवाल, समस्त शिक्षकगण की उपस्थिति रही।
स्थानीय राजकीय सि0 से0 बालिका विद्यालय में अणुव्रत प्रेरणा दिवस पर मुनि मोहजीत कुमार जी ने कहा कि जीवन मूल्यों के निर्माण में अणुव्रत एक आदर्श है। अणुव्रत जीवन जीने की कला सिखाता है। हमारे भीतर ज्ञान और संस्कार दोनों का समन्वय होना जरूरी है। छोटे-छोटे संकल्पों से व्यक्ति के जीवन में निखार आता है। परिवार, समाज और राष्ट्र की उन्नति के लिए बच्चों में संस्कारों का बीजारोपण अणुव्रत के माध्यम से किया जा सकता है।
विद्यालय परिवार से भगवानसिंह ने मुनिप्रवर का स्वागत किया एवं अणुव्रत समिति का आभार व्यक्त किया। अणुव्रत सेवी ओमप्रकाश बांठिया ने समिति की ओर से विद्यालय परिवार एवं विद्यार्थियों का आभार व्यक्त किया। अणुव्रत समिति की ओर से विद्यालय परिवार को साहित्य एवं फोल्डर से सम्मानित किया गया। कार्यक्रम का संचालन संयोजक नवीन सालेचा ने किया। अणुव्रत उद्बोधन सप्ताह के अंतर्गत नशामुक्ति एवं पर्यावरण दिवस स्थानीय शांति निकेतन विद्यालय से रैली का आयोजन किया गया, जिसे नगर परिषद सभापति सुमित्रा जैन, अणुव्रत समिति संरक्षक ओमप्रकाश बांठिया, तेरापंथ सभा अध्यक्ष धनराज ओस्तवाल, अणुव्रत समिति अध्यक्ष जवेरीलाल सालेचा, महिला मंडल अध्यक्षा निर्मला संकलेचा, तेयुप एवं अणुव्रत समिति के पदाधिकारीगण एवं विद्यालय ट्रस्टी ओम चोपड़ा, प्रकाश बालड़, विद्यालय के प्राचार्य और शिक्षकगणों द्वारा रैली को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया। पर्यावरण व नशामुक्ति के संदेश के साथ रैली शहर के मुख्य मार्गों से गुजरती हुई न्यू तेरापंथ भवन में पहुँची।
मुनि मोहजीत कुमार जी ने कहा कि जीवन में नशा करना बुरी बात है, हम इसे बदलें। कभी भी किसी भी स्थिति में नशा नहीं करने का संकल्प लें। नशे से स्वयं का और परिवार का नुकसान संभव है। पर्यावरण के प्रति हमारी सजगता ही इसके वातावरण को शुद्ध और स्वच्छ रख सकती है। हम अपनी छोटी-छोटी आदतों में सुधार लाकर भी पर्यावरण की सुरक्षा कर सकते हैं।
कार्यक्रम का संयोजन संयोजक नवीन सालेचा ने किया। अणुव्रत समिति द्वारा विद्यालय परिवार का साहित्य एवं फोल्डर द्वारा स्वागत किया एवं सभी शिक्षकगणों और विद्यार्थियों का आभार प्रकट किया। अनुशासन दिवस स्थानीय मदर टेरेसा सि0से0 विद्यालय में मनाया गया। इस अवसर पर मुनिश्री ने कहा कि अनुशासन हमारे जीवन की निधि है। हमारे जीवन में हर छोटी-छोटी बात में अनुशासन का होना जरूरी है। दैनिक दिनचर्या का भी कार्य हमें सजगता से अनुशासनपूर्वक करना चाहिए। मुनिश्री द्वारा विद्यार्थियों को महाप्राण ध्वनि का प्रयोग करवाया गया।
विद्यालय संस्थापक कमलेश बोहरा ने मुनिश्री का स्वागत-अभिनंदन किया और अपने विचार व्यक्त किए। अणुव्रत समिति द्वारा विद्यालय परिवार का साहित्य एवं फोल्डर से सम्मान किया गया। अणुव्रत उद्बोधन सप्ताह के अंतिम दिवस विश्व अहिंसा दिवस के रूप में मनाया गया। मुनि मोहजीत कुमार जी ने कहा कि मन में अहिंसा की चेतना का जागरण होना जरूरी है। आचार्य महाप्रज्ञ जी ने कहा था-अहिंसा की चेतना का जागरण और नैतिक मूल्यों का विकास होना अनिवार्य हो। भगवान महावीर ने पूरे विश्व में अहिंसा का प्रकाश फैलाया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि एसआईपी डिम्पल कंवर ने कहा कि व्यक्ति मन, वचन, कर्म से किसी भी प्राणी मात्र या जीव को कष्ट नहीं पहुँचाए, यही अहिंसा है। आरएसएस प्रमुख पूनमचंद सुधार ने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि मौन में अणुबम जितनी शक्ति है। शांति, अहिंसा और अणुव्रत मानव जाति के लिए एक सुंदर संदेश है। पूर्व नगर परिषद चेयरमैन प्रभा सिंघवी ने अहिंसा को प्राणी मात्र का रक्षा कवच बताया और कहा कि तन-मन एवं भावों से अहिंसा का पालन करना चाहिए।
अणुव्रत सेवी ओमप्रकाश बांठिया ने अहिंसा दिवस पर दृढ़ संकल्पी होने की प्रेरणा दी। तेरापंथ सभा अध्यक्ष धनराज ओस्तवाल ने सभी अतिथियों का स्वागत किया। अणुव्रत समिति के अध्यक्ष जवेरीलाल सालेचा ने अणुव्रत गीत का संगान किया एवं सभी का आभार व्यक्त किया। अणुव्रत समिति द्वारा मुनि मोहजीत कुमार जी के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित की गई। कार्यक्रम का संचालन संयोजक नवीन सालेचा ने किया। विशिष्ट अतिथियों को समिति द्वारा साहित्य एवं फोल्डर देकर सम्मानित किया गया। सात दिवसीय अणुव्रत उद्बोधन सप्ताह में सहयोग एवं उपस्थिति हेतु तेरापंथ सभा, महिला मंडल, तेयुप और पूरी अणुव्रत समिति का आभार व्यक्त किया गया।