नैतिक क्रांति के सूत्रधार थे आचार्यश्री तुलसी

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नैतिक क्रांति के सूत्रधार थे आचार्यश्री तुलसी

आचार्यश्री तुलसी के 109वें जन्मोत्सव के आयोजन

गंगाशहर
नैतिकता का शक्तिपीठ, गंगाशहर में मुनि शांतिकुमार जी के सान्निध्य में अणुव्रत प्रवर्तक आचार्यश्री तुलसी का 109वाँ जन्मोत्सव अणुव्रत दिवस के रूप में मनाया गया। इस अवसर पर मुनि शांतिकुमार जी ने कहा कि आचार्यश्री तुलसी ने अपने महनीय अवदानों से मानवता का जो कार्य किया युगों तक जन-जन को प्रेरणा देता रहेगा। मात्र बाइस वर्ष की लघु आयु में आचार्य बनकर भी उन्होंने जिस कुशलता से संघ का संचालन किया। अपनी सूझबूझ से उन्होंने तेरापंथ धर्मसंघ को एक नई ऊँचाई दी।
मुनि जितेंद्र कुमार जी ने कहा कि आचार्य तुलसी का जीवन महानता से ओत-प्रोत था। कार्तिक शुक्ला दूज के दिन उन्होंने इस धरा पर अवतरण लिया। उनकी यशगाथा भी दूज के चांद के समान है, जो दिनोंदिन और वृद्धिंगता को प्राप्त प्राप्त हो रही है। इस अवसर पर मुनि अनुशासन कुमार जी ने कहा कि अणुव्रत के द्वारा आचार्यश्री तुलसी ने जन-जन के भीतर एक नैतिकता की ज्योति को प्रज्वलित किया। मुनि अनेकांत कुमार जी ने भी गीत का संगान किया। इस अवसर पर आचार्य तुलसी शांति प्रतिष्ठान के मंत्री हंसराज डागा, तेरापंथी सभा के अध्यक्ष श्री अमरचंद सोनी, तेममं से मीनाक्षी आंचलिया, अणुव्रत समिति अध्यक्ष राजेंद्र बोथरा ने गणाधिपति गुरुदेव श्री तुलसी के प्रति भावाभिव्यक्ति दी।