वरिष्ठ श्रावक-श्राविका का सम्मान समारोह

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वरिष्ठ श्रावक-श्राविका का सम्मान समारोह

किशनगढ़।
तेरापंथ भवन में तेयुप एवं तेममं के संयुक्त तत्त्वावधान में वरिष्ठ श्रावक-श्राविका सम्मान समारोह मुनि चैतन्य कुमार जी ‘अमन’ के सान्निध्य में आयोजित किया गया। इस अवसर पर मुनिश्री ने कहा कि वरिष्ठ सेवकों का सम्मान करना एक स्वस्थ परंपरा है। बुजुर्गों को भार नहीं उपहार समझना चाहिए। यह पूरे परिवार की आन-बान-शान होते हैं। इनके पास अनुभवों का खजाना होता है। वह परिवार धन्य होता है जिस परिवार में बुजुर्गों की सेवा उनके मन में शांति समाधि पर ध्यान दिया जाता है।
मुनि सुबोध कुमार जी ने कहा कि परिवार के सदस्यों को अपने भीतर में जो बुजुर्ग पाल रहे हैं, उनको समझें और दूर करें। उनका सत्कार-सम्मान कितना करते हैं, यह महत्त्वपूर्ण नहीं है। आप इनके साथ तालमेल बिठाकर रखें, ताकि इनके भीतर में समाधि भाव रहे। ऐसा प्रयत्न करें।
कार्यक्रम महिला मंडल के मंगलाचरण से प्रारंभ हुआ। तेरापंथ सभा के अध्यक्ष माणकचंद गेलड़ा, मंत्री अजय कुमार, सुरेश घोड़ावत, कन्हैयालाल डंूगरवाल, तेयुप से संजय डूंगरवाल ने विचार रखे। महिला मंडल अध्यक्ष अंजु छाजेड़ ने बताया कि अभातेममं अधिवेशन में स्थानीय शाखा किशनगढ़ महिला मंडल को सेवा में उत्कृष्ट कार्य हेतु पुरस्कृत किया गया। वरिष्ठ 89 वर्ष के पन्नालाल बैंगानी व श्राविका में 89 वर्ष की इचरज देवी जोगड़ की थी। लगभग 32 श्रावक-श्राविकाओं को प्रशस्ति पत्र प्रदान कर सम्मानित किया गया। संवत्सरी के अवसर पर जिन बच्चों ने उपवास, पौषध किए उनको भी पुरस्कार प्रदान किया गया। संचालन तेममं की करुणा जैन व आभार ज्ञापन तेयुप संगठन मंत्री वर्तमान डूंगरवाल ने किया।