भक्तांमर कार्यशाला का आयोजन

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भक्तांमर कार्यशाला का आयोजन

बालोतरा।
न्यू तेरापंथ भवन में 18 दिवसीय भक्तांबर कार्यशाला का समापन हुआ। निवर्तमान मंत्री नवीन सालेचा ने बताया कि कार्यशाला का संचालन मुनि जयेश कुमार जी द्वारा किया गया। इस कार्यशाला का मुख्य लक्ष्य भक्तांबर स्तोत्र जो संस्कृत में है उसकी उच्चारण शुद्धि हो और इसका कंठस्थ ज्ञान हो। मुनिश्री ने एक-एक पद का शुद्ध उच्चारण सीखाकर उसके अर्थ का वाचन किया।
इस अवसर पर मुनि जयेश कुमार जी ने कहा कि सर्वप्रथम हम किसी भी मंत्र या स्तोत्र की साधना करें तो उसके प्रति आस्था का प्रबल भाव हो, मन में किंचित मात्र भी संदेह न हो। यह कार्यशाला लोक से लोकोत्तर बनने, स्वयं से सिद्ध बनने की पाठशाला थी। हम भगवान आदिनाथ का प्रतिदिन मंगल स्मरण कर उनके गुणों को अपने भीतर आत्मसात करें। इस अवसर पर मुनि मोहजीत कुमार जी ने कहा कि जैन धर्म के मुख्य स्तोत्र में भक्तांबर का विशिष्ट स्थान है। हमें इसे कंठस्थ कर प्रतिदिन इसका संगान करना चाहिए।
कार्यशाला के प्रथम दिन मुनि भव्य कुमार जी ने किस प्रकार से भक्तांबर स्तोत्र की रचना हुई उसका विवेचन किया। कार्यशाला में लगभग 45 श्रावक-श्राविकाओं ने भाग लिया। इस अवसर पर अणुव्रत समिति अध्यक्ष जवेरीलाल सालेचा, पूर्व तेयुप अध्यक्ष राजेश बाफना, निवर्तमान तेयुप अध्यक्ष अरविंद सालेचा, जेटीएन प्रतिनिधि खुशाल ढेलड़िया के साथ तेरापंथ समाज के गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।