मासखमण तप अभिनंदन के कार्यक्रम

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मासखमण तप अभिनंदन के कार्यक्रम

टी-दासरहल्ली
तेरापंथ सभा भवन में शासनश्री साध्वी कंचनप्रभाजी ने मासखमण तप अभिनंदन समारोह में कहा कि जीवन के वे पल महापुण्यवान होते हैं, आलौकिक होते हैं जब चैतन्य सुदीर्घ तपस्या के लिए संकल्पित होते हैं। शरीर के प्रति ममत्व विसर्जन इंद्रियों तथा मन पर विजय से ही तपस्या सम्भव है। तपस्या वह गुलदस्ता है, जिसको पकड़ने वाला सुवासित होता है तथा परिपार्श्व का वातावरण भी सुवासित होता है। तपस्या जीवन का वरदान है।
शासनश्री साध्वी मंजुरेखाजी ने कहा कि तपस्या श्रावक जीवन का सर्वाेत्तम ध्येय है। तपस्या के द्वारा पूर्वजन्मों के संचित निबिड़ कर्म क्षीण होते हैं। आत्मा निर्मल होती है। तपस्वी केवल आहार का त्याग ही नहीं करता बल्कि सामायिक स्वाध्याय जप के द्वारा शांत-संतुलित जीवनशैली को प्राप्त करता है। साध्वीवृंद ने तप अनुमोदना में गीतिका का संगान किया। सुवालाल दक को साध्वीश्रीजी ने मासखमान तप का प्रत्याख्यान कराया। मनोहरलाल चावत को ६८ आयंबिल का तथा बिंदुराय सोनी को श्रेणी तप में ६ दिन तप का प्रत्याख्याण कराया। बिंदु द्वारा संपादित एवं रवि सामरा द्वारा सह-संपादित ‘गम्भीर्य गुम्फित’ गौतम कुमार सेठिया की जीवनी पर आधरित पुस्तक सम्प्रेषित की।
कार्यक्रम की शुरुआत शासनश्रीजी के मुखारविंद से मंगलमंत्रोच्चर से हुई। महिला मंडल ने मंगलाचरण किया। संस्थापक अध्यक्ष लादुलाल बाबेल ने स्वागत एवं तप अभिनंदन किया, तेयुप साथियों ने गीतिका का संगान किया, कोलकाता सभा के पूर्व अध्यक्ष एवं महासभा के पश्चिम बंगाल के आंचलिक प्रभारी तेजकरण बोथरा ने तप अभिनंदन कर, कोलकाता तेरापंथ परिवार की निर्देशिका सम्प्रेषित की। सभा कोषाध्यक्ष प्रकाश गाँधी ने गुरुदेव द्वारा प्राप्त संदेश का वाचन किया, सभा उपाध्यक्ष विनोद मेहर ने दक परिवार से दीक्षित मुनि कोमल कुमारजी का संदेश वाचन किया, सभा उपाध्यक्ष लोकेश बोहरा ने सभा द्वारा प्रेषित अभिनंदन पत्र का वाचन किया, सभा अध्यक्ष नवरतनजी गाँधी, महिला मंडल अध्यक्षा रेखा मेहर, अभातेयुप से दिनेश पोखरना एवं रकेश दक, भगवतीलाल मांडोत, रवि सामरा ने भी तप अभिनंदन में अपनी भावाभिव्यक्ति संप्रेषित की। संचालन सभा मंत्री प्रवीण बोहरा ने किया।