विद्या के साथ विनय और विवेक जरूरी

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विद्या के साथ विनय और विवेक जरूरी

माधावरम्, चेन्नई।
मुनि सुधाकर कुमार जी के सान्निध्य में आचार्य महाश्रमण तेरापंथ जैन पब्लिक स्कूल में 650 से अधिक विद्यार्थियों के मध्य ज्ञानाराधना एवं स्मृति विकास में मंत्र, वास्तु आहार और जीवन की भूमिका पर विशेष प्रवचन एवं अनुष्ठान का आयोजन किया गया। मुनि सुधाकर कुमार जी ने कहा कि विद्यार्थी को अपने जीवन में विद्या के साथ-साथ विनय और विवेक का भी विकास करना चाहिए। मुनिश्री ने आगमों में वर्णन जैन मंत्रों से भी स्मृति विकास के लिए अनुष्ठान एवं प्रयोग कराया, उसी के साथ वास्तु के नियम भी विस्तार से बताए।
मुनि नरेश कुमार जी ने गीतिका का संगान किया। मंगलाचरण विल्लीवाक्कम विद्यार्थियों ने किया। स्वागत स्वर ट्रस्ट बोर्ड प्रबंध न्यासी घीसूलाल बोहरा ने दिया। कन्याबाई भंसाली ने 26 उपवास की तपस्या का प्रत्याख्यान किया। कार्यक्रम के प्रायोजक कुशलराज, अशोक कुमार बम्बोली परिवार का सम्मान ट्रस्ट बोर्ड की ओर से माणकचंद आच्छा एवं रमेश परमार ने किया। संचालन एवं धन्यवाद ज्ञापन कार्यक्रम के संयोजक अर्पित चोरड़िया एवं कृतिका पुगलिया ने किया।