साध्वी धर्मयशा जी के प्रति आध्यात्मिक उद्गार

साध्वी धर्मयशा जी के प्रति आध्यात्मिक उद्गार

जय बोलो धर्मयशा जी की
समतामय आनंदमय प्रण की

बीदासर में थे जन्म लियो
गोलछा कुल ने थे सुयश दियो
बलिहारी जागृत जीवन की।।

श्री तुलसी स्यूँ दीक्षा पाई
महाप्रज्ञ दृष्टि स्यूँ मुस्काई
गरिमा गातां महाश्रमण गण री।।

भिक्षु गण रो गौरव गाता
गुरु दर्शन पाकर हरसाता
बलिहारी थांरे दृढ़ मन की।।

तप रो थे दीप जलायो हो
जीवन नै सफल बणायो हो
जय बोलो पावन जीवन की।।

थांरा जीवन हो ज्योतिर्मय
गुरु भक्ति में रहता तन्मय
जय बोलो सहज समर्पण की।।

जद-जद म्है सेवा में आता
तप त्याग म्हानै करवाता
शिक्षा देता संयम धन की।।

लय: जय बोलो संघ सितारे----