अभिनव सामायिक के विविध आयोजन

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अभिनव सामायिक के विविध आयोजन

अध्यात्म की प्रयोगशाला है अभिनव सामायिक

पाली
मुनि तत्त्वरुचि जी ‘तरुण’ के सान्निध्य में तेयुप द्वारा अभिनव सामायिक की साधना कराई गई। मुनि तत्त्वरुचि जी ‘तरुण’ ने अभिनव सामायिक की साधना कराते हुए कहा कि जीवन में सुख-शांति, संतुलन व समाधि पाने की साधना है-सामायिक। आध्यात्मिक चेतना के जागरण का प्रयोग है-समायिक। इससे जीवन में समता की प्राप्ति होती है। समता सुख-शांति और समाधि का आधार है।
मुनि संभव कुमार जी ने कहा कि अच्छा जीवन जीने का सू.त्र है-हम हर स्थिति में शांत रहें। शांत रहने के लिए जीवन में समता का अभ्यास जरूरी है। सामायिक समता की साधना है। इससे व्यक्ति सुख-दुःख में, मान-अपमान में, निंदा-प्रशंसा में, लाभ-अलाभ में और जीवन-मरण में सम रह सकता है।

राजलदेसर
अभातेयुप के निर्देशानुसार तेयुप द्वारा तेरापंथ भवन में साध्वी मंगलप्रभा जी के सान्निध्य में अभिनव सामायिक का आयोजन किया गया। इस अवसर पर साध्वी मंगलप्रभा जी ने कहा कि जैन धर्म में सामायिक का विशेष महत्त्व माना जाता है। सामायिक को समता की साधना और आत्मा को निर्मल करने का महत्त्वपूर्ण उपक्रम बताया गया है। अभिनव सामायिक अध्यात्म की प्रयोगशाला है।
साध्वी प्रणवप्रभा जी ने भी धर्मसभा को संबोधित किया। गुरुदेव द्वारा रचित सामायिक गीत का संगान किया गया। संचालन साध्वी समप्रभा जी ने किया।

मैसूर
मुमुक्षु बहनों के सान्निध्य में तेयुप द्वारा अभातेयुप के निर्देशानुसार अभिनव सामायिक कार्यशाला का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम गुरुवंदना व सामायिक पाठ के उच्चारण से प्रारंभ हुआ। मुमुक्षु संयोजिका आयुषी द्वारा अभिनव सामायिक का प्रयोग करवाया गया। स्वागत भाषण विकास मेहता ने किया व आभार ज्ञापन मंत्री प्रमोद मुणोत ने किया।

बड़ोदरा
अभातेयुप के निर्देशन में तेयुप द्वारा तेरापंथ भवन में अभिनव सामायिक का आयोजन किया गया। अभिवन सामायिक का कार्यक्रम उपासक गणपत मारू, पारस संचेती एवं अशोक चंदेल की उपस्थिति में हुआ। कार्यक्रम में कई गणमान्यजनों की उपस्थिति रही।

टी-दासरहल्ली
अभातेयुप के तत्त्वावधान में तेयुप द्वारा अभिनव सामायिक का आयोजन शासनश्री साध्वी कंचनप्रभा जी के सान्निध्य में किया गया। नमस्कार महामंत्र से कार्यक्रम की शुरुआत हुई। शासनश्री साध्वी कंचनप्रभा जी ने कहा कि सामायिक में व्यक्ति पचास मिनट के लिए सांसारिक सभी कर्मों से उपरत होकर स्वाध्याय, जप एवं ध्यान साधना से शुभ भावों में रमण करता है। युवा शक्ति इस अनुष्ठान में प्रतिदिन स्वयं को संभागी बनाए।
शासनश्री साध्वी मंजुरेखा जी ने कहा कि सामायिक अनुठान आत्मदर्शन तक पहुँचाता है। अभिनव सामायिक अनुष्ठान में साध्वी निर्भयप्रभा जी ने त्रिपदी वंदना व जप करवाया। साध्वी चेलनाश्री जी ने सामायिक की मूल्यवत्ता पर विचार रखे।
अभातेयुप परामर्शक एवं अभूतपूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष विमल कटारिया ने अपने वक्तव्य में टी-दासरहल्ली को सिर्फ प्रवेशद्वार ही नहीं अपितु चातुर्मासिक क्षेत्र भी बताया। अभातेयुप से अमित दक, विनोद मूथा की उपस्थिति रही।
सभा ट्रस्ट परिवार, महिला मंडल, तेयुप की सहभागिता रही। संचालन एवं आभार तेयुप मंत्री देवीलाल गांधी ने किया।

डोंबिवली
तेयुप द्वारा अभिनव सामायिक का आयोजन किया गया। उपासक शांतिलाल कोठारी और दिनेश कोठारी ने कहा कि समता की साधना ही सामायिक है। उन्होंने विधिवत् अभिनव सामायिक करवाई। महिला मंडल ने मंगलाचरण किया। संयोजक भरत कच्छारा और मनीष कोठारी थे।
सभा मंत्री जगदीश परमार, तेयुप अध्यक्ष ललित मेहता, मंत्री राहुल कोठारी, महिला मंडल संयोजिका किरण कोठारी सहित अनेक पदाधिकारीगण एवं अन्यजन उपस्थित थे। निवर्तमान अध्यक्ष सुरेश बैद ने विचार रखे।

ईरोड
अभातेयुप द्वारा निर्देशित अभिनव सामायिक का आयोजन किया गया। उपासक महेंद्र दक, बैंगलोर, राजेंद्र कोचर फलसुंड-गंगावती, राजेश आच्छा आमेट-मैसूर की उपस्थिति में कार्यक्रम आयोजित हुआ।
नमस्कार महामंत्र द्वारा प्रारंभ कर उपासक द्वारा संगीत के साथ सामायिक का प्रत्याख्यान करके परमेष्ठी वंदना एवं सामायिक के अभिनव प्रयोग करवाए गए। आभार ज्ञापन तेयुप मंत्री ऋषभ नखत ने किया।

सिरसा
अभातेयुप के निर्देशन में तेयुप द्वारा अभिनव सामायिक का आयोजन शासनश्री साध्वी सुमनश्री जी के सान्निध्य में हुआ। परिषद अध्यक्ष आनंद सुराणा, मंत्री कुणाल नौलखा ने अपने भावों की अभिव्यक्ति दी।
शासनश्री साध्वी सुमनश्री जी ने बताया कि जैन धर्म में सामायिक का विशेष महत्त्व माना जाता है। सामायिक में व्यक्ति 48 मिनट के लिए सारे सांसारिक कार्यों का त्याग करके आध्यात्म साधना में लीन हो जाता है। साध्वी मधुरलता जी ने सामायिक दिवस पर गीतिका का संगान किया एवं सामायिक करने की प्रेरणा दी।

बालोतरा
अभातेयुप के निर्देशन में तेयुप द्वारा अभिनव सामायिक का आयोजन किया गया। तेयुप अध्यक्ष संदीप ओस्तवाल ने बताया कि मुनि मोहजीत कुमार जी ने सामायिक शब्द का प्रतिपादन करते हुए कहा कि सामायिक संवर और शोधन की प्रक्रिया है। इस अवधि में क्रियात्मक पापरूपता है और कृत पापों का शोधन होता है। सामायिक की साधना समता के भावों से जुड़ी हुई है। मुनि भव्य कुमार जी ने उत्तराध्ययन सूत्र का आंशिक पठन किया और अभिनव सामायिक का प्रयोग कराया। मुनि जयेश कुमार जी ने सामायिक गीत प्रस्तुत किया। तेयुप मंत्री नवनीत बाफना ने भावों की अभिव्यक्ति दी। कार्यक्रम का संचालन गायिका सेफाली चोपड़ा ने किया।

पर्वत पाटिया
अभातेयुप निर्देशित, तेयुप द्वारा अभिनव सामायिक का आयोजन प्रवक्ता उपासक रतन सियाल एवं प्रकाश हिरण के मार्गदर्शन में आयोजित हुआ। तेयुप अध्यक्ष प्रदीप पुगलिया ने अपने भाव व्यक्त किए। उपासक रतन सियाल ने सामायिक का महत्त्व बताते हुए सामायिक को समता की साधना और आत्मा को निर्मल करने का महत्त्वपूर्ण उपक्रम बताया। मंत्री विनय जैन ने अपने विचार व्यक्त किए।

गंगाशहर
अभातेयुप निर्देशित, तेयुप द्वारा अभिनव सामायिक का आयोजन मुनि शांति कुमार जी, मुनि जितेंद्र कुमार जी के सान्निध्य में किया गया। अध्यक्ष अरुण कुमार नाहटा ने विचार व्यक्त किए। मुनिश्री ने अपने उद्गार व्यक्त किए। मंत्री भरत गोलछा ने भावों की अभिव्यक्ति दी।