बारह व्रत कार्यशाला के आयोजन

संस्थाएं

बारह व्रत कार्यशाला के आयोजन

विजयनगर
अभातेयुप निर्देशित एवं तेयुप द्वारा आयोजित बारह व्रत कार्यशाला का आयोजन तेरापंथ भवन में मुनि रश्मि कुमार जी के सान्निध्य में हुआ। इस कार्यशाला में मुख्य प्रशिक्षक के रूप में उपासक प्राध्यापक निर्मल नौलखा ने श्रावकों को जागृत करते हुए बारह व्रतों का प्रशिक्षण दिया। उन्होंने बताया कि सम्यक् दर्शन प्राप्ति से प्रकाश की यात्रा प्रारंभ होती है। संसार परिभ्रमण साधक को रोकने का माध्यम हैµसम्यक् दर्शन, अध्यात्म यात्रा का प्रथम पड़ाव सम्यक् दृष्टिकोण है।
मुनि रश्मि कुमार जी ने कहा कि श्रावक अपनी चर्या को अच्छी तरह समझे, चिंतन करे और व्रत के मार्ग पर बढ़ने का संकल्प करें। जैन श्रावक की गरिमा को बढ़ाएँ, व्रत चेतना की भावना से अपने आपको भाविक करें, श्रावक जीवन का सबसे बड़ा धन हैµबारह व्रतों का खजाना। मुख्य प्रशिक्षक नौलखा ने सरल तरीके से बारह व्रतों की व्याख्या की एवं उसकी अनुपालना के नियम-उपनियमों को समझाया। कार्यशाला में 200 से अधिक श्रावकों ने भाग लिया, इसका प्रशिक्षण तीन सत्र में अलग-अलग समय पर प्रदान किया गया। इस अवसर पर परिषद अध्यक्ष श्रेयांस गोलछा ने कार्यशाला में पधारे सभी लोगों का स्वागत किया।
कार्यशाला में सभा अध्यक्ष प्रकाश गांधी, महिला मंडल अध्यक्ष प्रेम बाई भंसाली, तेयुप के पूर्व अध्यक्ष राजेश चावत एवं किशोर मंडल के सदस्यों की उपस्थिति रही। कार्यशाला के प्रायोजक भंवरलाल, राकेश मांडोत परिवार बने एवं पदाधिकारियों द्वारा उपासक प्राध्यापक निर्मल नौलखा का सम्मान किया गया। संयोजक राकेश मारू एवं महिला मंडल की बहनों का विशेष श्रम नियोजित हुआ। संचालन परिषद मंत्री राकेश पोखरणा ने किया।