श्रावक जीवन का सबसे बड़ा धन है बारह व्रत

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श्रावक जीवन का सबसे बड़ा धन है बारह व्रत

कांदिवली
साध्वी निर्वाणश्रीजी के सान्निध्य में बारह व्रत कार्यशाला का आयोजन हुआ। कार्यशाला का प्रारंभ साध्वी डॉ0 योगक्षेप्रभा जी के उद्बोधन से हुआ। साध्वीश्रीजी ने श्रावक समाज को अपने जीवन व्रत का महत्त्व समझाया, जिससे कर्मों की निर्जरा और नए क्रमों को रोकने के लिए सबसे महत्त्वपूर्ण अंग बताया। साध्वी निर्वाणश्री जी ने भी प्रेरणा पाथेय से श्रावक समाज को बारहव्रती बनने के लिए प्रेरित किया और उनकी प्रेरणा से 70 से अधिक श्रावक बारहव्रती बने। श्री तुलसी महाप्रज्ञ फाउंडेशन के अध्यक्ष विनोद बोहरा भी मौजूद थे। तेयुप कांदीवली अध्यक्ष नवनीत कछारा, मालाड तेयुप अध्यक्ष मनोज लोढ़ा, तेरापंथी सभा अध्यक्ष पारसमल दुग्गड भी उपस्थित थे। आभार ज्ञापन तेयुप मंत्री विनीत सिंघवी ने किया।