आचार्य प्रवर के मंगल आशीर्वाद से युवा शक्ति में हुआ ऊर्जा का संचरण

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आचार्य प्रवर के मंगल आशीर्वाद से युवा शक्ति में हुआ ऊर्जा का संचरण

भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय का संयुक्त तत्वावधान, रेल मंत्रालय का मिला व्यापक सहयोग

एक ऐसी रक्त क्रांति जिसने मानव सेवा के क्षेत्र में भारत को विश्व पटल पर अग्रणी पंक्ति में ला दिया।

एक ऐसा उत्सव, जिसने देश की आजादी के अमृत महोत्सव पर एक नया विश्व कीर्तिमान स्थापित किया।

एक ऐसा महाअभियान जो देश की सरकार और तेरापंथ धर्मसंघ की युवा शक्ति के बीच तालमेल की अनूठी मिशाल के तौर पर याद किया जायेगा।

मेगा ब्लड डोनेशन ड्राइव रक्तदान अमृत महोत्सव

17 सितम्बर, 2022 की सुबह का सूरज जैसे मानवता की सेवा के लिए उदित हुआ। देश भर में जहां नजर दौड़ाओ डठक्क् की लाल टी-शर्ट पहले जोशिले कार्यकर्ताओं का हुजूम नजर आ रहा था। हजारों लेब टेक्निशियन, नर्सिंग स्टाफ व डॉक्टर्स की टीम विश्व के सबसे बड़े रक्तदान अभियान का हिस्सा बनने के लिए तैयार थे। रक्तदाताओं के हुजूम को देखकर सुबह ही लग गया कि आज नव इतिहास का सृजन होने वाला है। भारत देश अपनी महान संस्कृति और पारंपरिक मूल्यांे के कारण सम्पूर्ण विश्व में विशिष्ट पहचान रखता है भारतीय संस्कृति में सेवा को धर्म के रूप में देखा जाता है। यहां ऋषि-मुनियों और धर्म गुरुओं ने सदैव आध्यात्मिक मार्गदर्शन किया है जिसका सम्पूर्ण राष्ट्र के चहुमुखी विकास में विशिष्ट योगदान रहता है।

जैन श्वेताम्बर तेरापंथ धर्मसंघ की संगठनमूलक संस्थाओं में एक विशिष्ट नाम है-‘अखिल भारतीय तेरापंथ युवक परिषद’। इसका उदय नवमाधिशास्ता आचार्यश्री तुलसी के क्रांतिकारी चिंतन से हुआ। वर्तमान में एकादशम अधिशास्ता आचार्यश्री महाश्रमणजी के कुशल आध्यात्मिक संरक्षण में यह संस्था सेवा, संस्कार और संगठन के कार्य कर तेरापंथ धर्मसंघ को देश-विदेश में नयी ऊंचाई प्रदान करने में योगभूत बन रही है। अभातेयुप का मुख्य उद्देश्य युवापीढ़ी को अध्यात्म, नैतिकता और सेवा के संस्कारों से पोषित करना है। लाखों कार्यकर्ता इस संगठन की विभिन्न जनोपयोगी गतिविधियों के साथ प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े हुए हैं।
दुनिया जहां एक तरफ रूस और युक्रेन के युद्ध की विभीषिका से जूझ रही है दोनों देश एक-दूसरे के नागरिकों के रक्त के प्यासे बने हुए हैं वहीं दूसरी तरफ भारत में आचार्यश्री महाश्रमणजी के आध्यात्मिक संरक्षण में अभातेयुप रक्तदान रूपी रक्तक्रांति कर रही है। अभातेयुप द्वारा अपने 58वें स्थापना दिवस और आजादी के अमृत महोत्सव वर्ष पर मानव सेवा के इस उपक्र्रम को माध्यम बनाकर 17 सितम्बर, 2022 को भारत सरकार के साथ मेगा ब्लड डोनेशन ड्राईव ;डठक्क्द्ध का देश-विदेश में विशाल आयोजन किया गया, जो इतिहास के स्वर्णिम पन्नों में अंकित हो गया है। अब तक प्राप्त आंकड़ों के अनुसार मेगा ब्लड डोनेशन ड्राईव 2022 में अभातेयुप शाखाओं द्वारा 2696 रक्तदान शिविरों के माध्यम से 166539 यूनिट रक्त संग्रह किया गया। यह विश्व इतिहास का आज तक का सबसे बड़ा रक्तदान अभियान है। भारत के माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के 72वें जन्मदिवस का सुखद संयोग अभातेुयप के इस अभियान के साथ जुड़ने से यह और अधिक महत्वपूर्ण बन गया।
धर्म, जाति और समुदाय से ऊपर उठकर कश्मीर से कन्याकुमारी तथा कच्छ से कटक तक भारत के सभी महानगरों, नगरों, कस्बों, ढाणियों, दुर्गम रेगिस्तान के साथ सुदूर दुर्गम पहाड़ी क्षेत्रों जैसे-लेह लद्दाख, उत्तराखण्ड के दुर्गम पहाड़ी इलाके, जैसलमेर, बाड़मेर के रेगिस्तानी क्षेत्र आदि में स्थापित सभी रक्तदान शिविरों पर जहां एक ओर रक्तदाताओं में रक्तदान के प्रति भारी उत्साह देखने को मिला, वहीं पूरे देशभर में राजनेताओं, अभिनेताओं, राजकीय सेवा में सेवारत विभिन्न प्रशासनिक अधिकारियों, खेल एवं सिनेमा जगत से जुड़ी हुई हस्तियों, उद्योगपतियों आदि ने शिविर स्थल पर उपस्थित होकर रक्तदाताओं का उत्साह बढ़ाया। मानवता में प्राण भरने के लिए रक्तदाताओं ने ‘वसुधैव कुटुम्बकम्’ की सूक्ति को साक्षात किया।
मानव सेवा के इस प्रयास की सफलता हेतु अनेक आदरणीय धर्मगुरुओं ने विडियो संदेश जारी कर अपना आशीर्वाद प्रदान किया। देश के महामहिम उपराष्ट्रपति महोदय, माननीय प्रधानमंत्री महोदय, विभिन्न राज्यों के महामहिम राज्यपालगण, माननीय मुख्यमंत्रीगण सहित दिग्गज एवं विशिष्ट हस्तियों ने आयोजन की सफलता हेतु शुभकामनाएं प्रेषित की। केन्द्र सरकार, राज्य सरकारों, स्थानीय प्रशासनिक निकायों, प्रशासनिक अधिकारियों एवं समाजसेवी संगठनों का सहयोग व समर्थन प्राप्त हुआ।
भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय का संयुक्त रूप से जुड़ना और रेल मंत्रालय का व्यापक समर्थन इस महाअभियान के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण रहा तथा अभातेयुप के लिए भी गौरव का विषय रहा। केन्द्रीय रेल मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव ने इस अभियान को समर्थन देते हुए रेल मंत्रालय का ‘लोगो’ (प्रतीक चिह्न) एमबीडीडी की प्रचार सामग्री में उपयोग करने की स्वीकृति प्रदान की। रेल मंत्री के निर्देश पर रेल मंत्रालय ने स्वयं इस अभियान के प्रति जागरूकता हेतु देश के सभी बडे़ रेलवे स्टेशनों की 7000 से अधिक टी.वी. स्क्रीन्स पर इस अभियान की जानकारी देते हुए जन-जन को रक्तदान करने की अपील कर अभूतपूर्व सहयोग किया। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री श्री मनसुख मांडविया ने स्वास्थ्य मंत्रालय का ‘लोगो’ (प्रतीक चिह्न) एमबीडीडी के प्रचार-प्रसार में उपयोग करने, अभातेयुप को स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त तत्वावधान में आयोजन करने एवं सरकारी वेबसाईट ई-रक्तकोष पर रक्तदाताओं का पंजीकरण करने का निर्देश जारी कर इस अभियान को व्यापक समर्थन दिया। मंत्री महोदय ने आयोजन से दो दिन पूर्व वर्चुअल वेबिनार में स्वयं लाइव उपस्थित होकर अभातेयुप के कार्यकर्तागण से अभियान की प्रगति की जानकारी प्राप्त की तथा लोगों से रक्तदान करने की अपील की एवं 17 सितम्बर, 2022 को दिल्ली में आयोजित रक्तदान शिविर में पहुंचकर अभियान का जायजा लिया।
अभातेयुप द्वारा पूर्व में भी डठक्क् के अंतर्गत अभातेयुप द्वारा 17 सितम्बर, 2012 को एक दिन में देश के 276 शहरों एवं कस्बों में 651 रक्तदान शिविरों के माध्यम से 96,600 यूनिट रक्त संग्रह का कीर्तिमान रचा गया। 06 सितंबर 2014 को देश के 286 स्थानों पर 682 रक्तदान शिविरों के माध्यम से 100212 यूनिट रक्तदान के साथ ‘गिनिज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड’ में नाम दर्ज हुआ। सन् 2016 में एक वर्ष तक निरंतर 366 दिन तक 410 स्थानों पर 468 रक्तदान शिविरों के साथ विश्व के सबसे लंबे समय तक निरंतर चलने वाले रक्तदान अभियान के रूप में ‘इण्डिया बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड’ में नाम दर्ज हुआ। सन् 2020 में कोविड-19 की विकट परिस्थितियों व लॉकडाउन की स्थिति में भारत सरकार के अनुरोध पर 55000 यूनिट रक्तदान एवं एक माह में 2000 प्लाज्मा डोनेशन के साथ ‘एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड’, ‘इण्डिया बुक ऑफ रिकॉर्ड’, ‘ग्लोबल रिकॉर्ड एण्ड रिसर्च फाउण्डेशन और एशिया पेसिफिक रिकॉर्ड्स’ में अभातेयुप का नाम दर्ज हुआ। मानव सेवा के कीर्तिमानों का सिलसिला प्रारंभ हुआ और इतिहास के स्वर्णिम पृष्ठों में अंकित होता गया। संस्था का लक्ष्य केवल रक्तदान का कीर्तिमान स्थापित करना ही नहीं अपितु जन-जन को रक्तदान का महत्त्व समझाते हुए रक्तदान हेतु प्रेरित करना एवं प्रयास करना कि रक्त की कमी के कारण कोई भी व्यक्ति मृत्यु को प्राप्त न हो तथा जरूरत के समय लोगों को जीवनदायी रक्त सुलभ रूप से मिल सके।
अभातेयुप के प्रेरणास्रोत युगप्रधान परमपूज्य आचार्यश्री महाश्रमणजी का प्रतिपल पावन आशीर्वाद इस अभियान में जुड़े कार्यकर्ताओं के लिए सतत ऊर्जा स्रोत बना रहा। सीढियां तो उनके लिए होती है, जिन्हें छत पर जाना होता है। जिनकी नजरें हो आसमान पर, उन्हें अपने रास्ता स्वयं बनाना पड़ता है। MBDD के राष्ट्रीय प्रभारी श्री हितेश भांडिया एवं राष्ट्रीय सहप्रभारी श्री सौरभ पटावरी का निष्ठापूर्ण अतुलनीय श्रम व सहयोग रहा है। वे दोनों गत छह माह से अपने व्यक्तिगत, पारिवारिक, व्यावसायिक कार्यों को गौण करते हुए निरन्तर इस अभियान की सफलता में लगे रहे और अभातेयुप के इस इतिहास सृजन में अपना सर्वश्रेष्ठ योगदान दिया।
तेयुप की सभी शाखा परिषदों, तेयुप के कार्यकर्ताओं एवं सम्पूर्ण युवा शक्ति के उत्साह, जूनून, श्रम और सहयोग से यह महाअभियान अपार सफलता के साथ इतिहास के पृष्ठों पर अंकित हो पाया। राज्य स्तर एवं स्थानीय स्तर पर अनेक सेवाभावी संस्थाएं सहयोगी बनी। सभी सरकारी विभागों एवं कर्तव्यनिष्ठ प्रशासनिक अधिकारीगण, कर्मचारीगण आदि ने पूर्ण जिम्मेदारी के साथ अपने दायित्व का निर्वहन करते हुए सहयोग किया। देश के हजारों ब्लड बैंकों एवं उनकी दायित्वशील मेडिकल टीम ने पूर्ण सहयोग किया। विभिन्न टी.वी. चैनलों, समाचार-पत्रों ने प्रमुखता से इस अभियान को अपने चैनल और समाचार पत्र में स्थान दिया। हजारों समर्पित कार्यकर्ताआंे ने रात-दिन एक कर इस अभियान को सफल बनाया। अभातेयुप के आह्वान पर मानवता के इस महायज्ञ में लाखों रक्तदाताओं ने अपनी रक्त बूंदे समर्पित कर मानव सेवा से इतिहास रचने में सहभागिता की।