मासखमण तप अभिनंदन के कार्यक्रम

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मासखमण तप अभिनंदन के कार्यक्रम

गांधीनगर
तेरापंथ भवन में मासखमण तप अभिनंदन का आयोजन मुनि अर्हत कुमार जी के सान्निध्य में हुआ। मुनिश्री ने कहा कि मुक्ति के चार मार्गों में चौथा मार्ग है-तप। वह मनोहर वाटिका है, जिसमें रमण करने वाला व्यक्ति अपने जीवन को रमणीय बना देता है। तप वही कर सकता है, जिसमें दृढ़ इच्छाशक्ति और मनोबल मजबूत होता है। सुमित्रा बाई गादिया और प्रकाश बाई गोलेच्छा मासखमण लेके आई हैं। ऐसे ही तप के मार्ग पर बढ़ते हुए जीवन में नव इतिहास रचाकर आत्मोद्धार करें।
मुनि भरत कुमार जी ने कहा कि तप जीवन को सुनहरा बनाकर आत्मा को पावन बनाता है। बाल संत जयदीप कुमार जी ने गीत का संगान किया। सुमित्रा बाई गादिया ने मासखमण तप के प्रत्याख्यान किए। तपस्वी प्रकाश बाई गोलेच्छा ने आयंबिल मासखमण तप के प्रत्याख्यान किए। परिवार की महिलाओं द्वारा गीत की प्रस्तुति दी गई। सभा अध्यक्ष कमल सिंह दुगड़ ने अनुमोदना की। साध्वीप्रमुखाश्री विश्रुतविभाजी से प्राप्त संदेश का वाचन महिला मंडल अध्यक्षा स्वर्ण माला पोखरणा एवं सभा उपाध्यक्ष अरविंद सिंघी ने किया। सभा कोषाध्यक्ष कन्हैयालाल सिंघी ने तप अभिनंदन पत्र का वाचन किया। मंत्री गौतम मांडोत ने संचालन किया।