262वाँ तेरापंथ स्थापना दिवस

संस्थाएं

262वाँ तेरापंथ स्थापना दिवस

राजाराजेश्‍वरी नगर
तेरापंथ भवन में विराजित शासनश्री साध्वी कंचनप्रभा जी के सान्‍निध्य में आचार्य भिक्षु का 262वाँ तेरापंथ स्थापना दिवस मनाया गया। साध्वीश्री जी द्वारा नमस्कार महामंत्रोच्चार के पश्‍चात तेरापंथ महिला मंडल ने आचार्य भिक्षु को श्रद्धांजलि में गीत का संगान कर मंगलाचरण किया।
शासनश्री साध्वी जी ने कहा आचार्य भिक्षु जैसी साधना वह सत्य के प्रति समर्पित साधक संत बिरले ही मिलेंगे। जिन्होंने जिस क्षण सत्य को जाना उसी क्षण साधना की स्वीकृति का निर्णय ले लिया। शासनश्री साध्वी मंजुरेखा जी ने कहा कि जैन इतिहास का यह अभूतपूर्व इतिहास है कि आचार्य भिक्षु ने आगम पारायण व चिंतन, मनन के बाद अपने गुरु के समक्ष सत्य, तत्त्व पर गहन विचार-विमर्श प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि सम्यक् दर्शन के बिना सम्यक् चारित्र नहीं। त्याग ही धर्म है, भोग धर्म नहीं। आचार्य भिक्षु ने अहिंसा के यथार्थ रूप को प्रतिष्ठित किया एवं केलवा की अंधेरी ओरी में आज के दिन भाव दीक्षा अपने अन्य 12 साथियों के साथ स्वीकार की।
साध्वी उदितप्रभा जी, साध्वी निर्भयप्रभा जी, साध्वी चेलनाश्री जी ने अपने विचार रखे। सभा एवं युवक परिषद के द्वारा सुमधुर गीत संगान के पश्‍चात तेरापंथ सभा अध्यक्ष मनोज डागा, महिला मंडल अध्यक्षा लता बाफना ने अपने विचार रखे। सभा मंत्री विक्रम मेहर ने कृतज्ञता ज्ञापित की। अनेक भाई-बहनों ने तेले-बेले तप का प्रत्याख्यान किया। संघगान के सामुहिक संगान से समारोह संपन्‍न हुआ।