प्रेक्षाध्यान शिविर का आयोजन

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प्रेक्षाध्यान शिविर का आयोजन

कांदिवली (मुंबई)।
साध्वी निर्वाणश्री जी के सान्निध्य में एक दिवसीय प्रेक्षाध्यान शिविर का आयोजन किया गया। उपस्थित शिविरार्थियों तथा जनसमूह को संबोधित करते हुए साध्वी निर्वाणश्री जी ने कहा कि ‘सुखमय का जीवन का स्त्रोत हैµध्यान। यह जीवन रूपांतरण की अनूठी प्रक्रिया है। गुरुदेव तुलसी एवं आचार्यश्री महाप्रज्ञ का यह मानवता का बड़ा उपकार है। ध्यान क्या? क्यों? व कैसे? इसका सुंदर विवेचन करते हुए साध्वीश्री जी ने प्रेक्षाध्यान के प्रयोग करवाए।
साध्वी डॉ0 योगक्षेमप्रभाजी ने तनाव प्रबंधन के सूत्रों की रोचक प्रस्तुति दी। साध्वी मधुरप्रभा जी ने गीत का संगान किया। इस शिविर में लायंस क्लब (वेस्ट जोन) के 40 संभागिबयों संग कुल 137 व्यक्तियों ने भाग लिया। शिविर का शुभारंभ मंत्र प्रेक्षा के साथ हुआ, जिसे स्वास्थ्य केंद्र की संयोजिका विमला दुगड़ ने करवाया। परिष्ठ प्रेक्षा प्रशिक्षक शांतिलाल कोठारी ने आसन व यौगिक क्रियाएँ तथा वरिष्ठ प्रेक्षा प्रशिक्षक पारस दुगड़ ने कायोत्सर्ग के प्रयोग करवाए। संयोजिका सायरा बैद ने कायोत्सर्ग के आध्यात्मिक और वैज्ञानिक महत्त्व तथा डॉ0 मनीषा परमार ने भोजन में संपोषक द्रव्यों की जानकारी दी।
स्वास्थ्य केंद्र के डायरेक्टर जयचंद सांखला, संयोजक राजेश बैद, अशोक कोठारी, ज्ञानचंद भंडारी, शांता देवी विमला पटेल परेश पटेल, संदीप पिंचा, गौतम डोसी आदि अनेक लोगों का श्रम रहा। शिविर को सफल बनाने में तेरापंथी सभा, कांदिवली, मालाड़, गोरेगाँव व तेयुप-कांदिवली-मालाड़ का अच्छा सहयोग रहा। पारस दुगड़ द्वारा लिखित मुद्रा विज्ञान एवं रंग चिकित्सा का दसवाँ संस्करण तेरापंथी सभा, मलाड के अध्यक्ष इंदरमल कच्दारा एवं जयचंद सांखला ने साध्वीश्री जी को उपहृत किया। कार्यक्रम का संचालन पारसमल दुगड़ ने किया।