मासखमण तप अभिनंदन के कार्यक्रम

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मासखमण तप अभिनंदन के कार्यक्रम

कटक, उड़ीसा
मुनि जिनेश कुमार जी के सान्निध्य में प्रियंका मनीष दुगड़ के मासखमण तप की संपन्नता के अवसर पर तेरापंथी सभा द्वारा मासखमण तप अभिनंदन समारोह का आयोजन किया गया। मुनि जिनेश कुमार जी ने कहा कि जैन धर्म एक व्यापक दृष्टिकोण वाला धर्म है। इसका सार तत्त्व है-आत्मा की पवित्रता और उसका आधार है-तप। धर्म का प्रथम व आखिरी कदम है-तपस्या, तप परम कल्याणकारी, मंगलकारी और हितकारी होता है। जैनागम तप को मंगल मानता है।
मुनिश्री ने आगे कहा कि कटक में सावन मास में प्रियंका मनीष दुगड़ ने मासखमण तप कर अतुल मनोबल व अद्भुत साहस का परिचय दिया है। हम उनके तप की अनुमोदना करते हैं।कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सन्मार्ग हिंदी पत्र के संपादक रामकिशन खंडेलवाल ने अपने विचार व्यक्त किए। इस अवसर पर मुनि कुणाल कुमार जी ने गीत का संगान किया। कार्यक्रम का शुभारंभ तेरापंथ कन्या मंडल के मंगलाचरण से हुआ। स्वागत एवं तप अनुमोदना वक्तव्य तेरापंथी सभा उपाध्यक्ष हनुमानमल सिंघी ने दिया। साध्वीप्रमुखाश्री विश्रुतविभा जी के संदेश का वाचन तेममं की अध्यक्षा हीरा बैद ने व मासखमण तप अभिनंदन पत्र का वाचन महासभा कार्यकारिणी सदस्य मुकेश सेठिया ने किया।
उत्कल प्रादेशिक मारवाड़ी सम्मेलन के अध्यक्ष दिनेश जोशी, तेयुप के मंत्री मनीष सेठिया, मनोज दुगड़, साहिल धाड़ेवा, संतोष चांडक आदि ने अपने विचार व्यक्त किए। तेममं, दुगड़ परिवार की कन्याओं ने गीत प्रस्तुत किए। आभार ज्ञापन तेरापंथी सभा के मंत्री चैनरूप चोरड़िया व संचालन मुनि परमानंद जी ने किया। तेरापंथी सभा, तेयुप, तेममं द्वारा तपस्वी व अतिथियों का सम्मान किया गया। मुनिश्री ने तपस्वी को मासखमण तप का विधिवत प्रत्याख्यान कराया।