रक्षाबंधन कार्यशाला के आयोजन

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रक्षाबंधन कार्यशाला के आयोजन

रोहिणी, दिल्ली
साध्वी डॉ0 कुंदनरेखाजी के सान्निध्य में ‘मैत्री का त्योहार रक्षाबंधन’ विषय पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस अवसर पर साध्वी कुंदनरेखाजी ने कहा कि भारतीय संस्कृति पर्व प्रधान संस्कृति है। आपसी सौहार्द, मैत्री, करुणा, समन्वय, वात्सल्य जैसे मानवीय गुणों के प्रेरक होते हैंµत्योहार। रक्षाबंधन त्योहार का अपना विशेष महत्त्व है। साध्वीश्री जी ने कहा कि त्योहार तो प्रेरणा देने के लिए आते हैं, पर वर्तमान दुनिया के हालत ऐसे हैं, जहाँ वैमनस्य, द्वेष, कषाय प्राबल्य भाव अधिक नजर आते हैं। इस अवसर पर जैन इतिहास में राखी का त्योहार, रक्षाबंधन, सावन की पूर्णिमा क्यों प्रसिद्ध है, इस पर प्रकाश डाला गया। मुनि विष्णु जी ने धर्मसंघ की कैसे सुरक्षा की-जैन इतिहास में भी विस्तृत वर्णन उपलब्ध है। कार्यक्रम के प्रारंभ में पैंसठिया यंत्र का उच्चारण किया गया। तेरापंथी सभा, रोहिणी के अध्यक्ष विजय जैन ने साहित्य भेंट कर अभिनंदन किया गया। पवन चोपड़ा ने अपनी प्रस्तुति दी।