जैन विद्या कार्यशाला का शुभारंभ

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जैन विद्या कार्यशाला का शुभारंभ

सूरत।
मुनि उदित कुमार जी के सान्निध्य में तेरापंथ भवन, सिटीलाइट में जैन विद्या कार्यशाला का प्रारंभ हुआ। प्रथम दिवस आयोजित उद्घाटन सत्र में मुनि उदित कुमार जी ने कहा कि जैन विद्या अरिहंतों की अनुभूति वाणी है। जैन विद्या में अगणित रहस्य समाए हुए हैं। इन रहस्यों को जानने के लिए जैन दर्शन के अथाह सागर में डुबकी लगानी पड़ती है। जैन विद्या कार्यशाला यह अवसर प्रदान करती है। शासन स्तंभ मंत्री मुनिश्री सुमेरमलजी ‘लाडनूं’ के सान्निध्य में वर्ष 1991 में जैन विद्या कार्यशाला का कोलकाता में शुभारंभ हुआ। था। तत्पश्चात प्रतिवर्ष हम जहाँ पर भी चातुर्मास करते हैं वहाँ यह कार्यशाला आयोजित होती है। कच्छ-भुज निवासी एवं सूरत प्रवासी ‘महादानी’ सुश्राविका कानुबेन महादेवी भाई संघवी परिवार प्रायोजक के रूप में अपनी सेवा अर्पित कर रहा है। अध्यक्ष अमित सेठिया ने स्वागत वक्तव्य दिया। उपासक राहुल खोखावत एवं विशाल परीख ने आवश्यक जानकारी दी।