दंपत्ति कार्यशाला: कैसे हो संबंधों में मधुरता की सुवास

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दंपत्ति कार्यशाला: कैसे हो संबंधों में मधुरता की सुवास

पीलीबंगा।
साध्वी रचनाश्री जी के सान्निध्य में तेयुप द्वारा दंपति कार्यशाला ‘कैसे हो संबंधों में मधुरता की सुवास’ का आयोजन किया गया। कार्यशाला में साध्वीश्री जी ने कहा कि संसार में व्यक्ति अकेला जन्म लेता है और अकेला मरता है, किंतु बीच के समय में संबंधों से जुड़ता है। परिवार, देश और समाज के साथ संबंध कैसा हो? इस पर चिंतन करना है। आपके दांपत्य जीवन की मधुर सुवास औरों के लिए प्रेरणास्पद बन सकती है।
कार्यशाला के प्रभारी निश्चल बांठिया ने बताया कि 21 दंपतियों ने कार्यशाला में भाग लिया और स्वस्तिक के आकार में बैठे कार्यशाला में संभागी दंपति और श्रोतागण को प्रेरणा देते हुए साध्वी चैतन्यप्रभाजी ने ‘अ ब स द’ अक्षरों के माध्यम से मधुर संबंध बनाए रखने की प्रेरणा दी। साध्वी कौशलप्रभाजी ने accept, adjust और appricate शब्दों की व्याख्या करते हुए प्रेरणा दी। साध्वी गीतार्थप्रभाजी ने प्रश्न-उत्तर का क्रम चलाया। साध्वीवृंद ने सुमधुर गीत के माध्यम से हैपी फैमिली के टिप्स बताए।
तेयुप के अध्यक्ष सतीश पुगलिया ने स्वागत भाषण दिया। कार्यक्रम में प्रतिभा दुगड़ ने कविता पाठ किया। कार्यशाला के प्रतिभागियों ने संयुक्त रूप से प्रतियोगिता में भाग लिया। जिसमें विजेता दंपति के रूप में तृतीय स्थान पर महेंद्र महिमा नौलखा, दूसरे स्थान पर भरत सुशीला नाहटा और प्रथम स्थान पर अमित निशा छाजेड़ रहे। कार्यशाला के अंत में आयोजित लकी ड्रॉ के विजेता सतीश प्रेम पुगलिया रहे। कार्यक्रम में मंगलाचरण का संगान किया सुमधुर गायिका प्रीति डाकलिया ने।