मासखमण तप अभिनंदन के कार्यक्रम

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मासखमण तप अभिनंदन के कार्यक्रम

शाहदरा, दिल्ली
शासनश्री साध्वी रतनश्री जी के सान्निध्य में मधु बोथरा (गंगाशहर निवासी, लक्ष्मीनगर दिल्ली प्रवासी) धर्मपत्नी नवरत्न बोथरा ने 29 की तपस्या का प्रत्याख्यान किया। आगे बढ़ने का मंगलकारी भाव है। शासनश्री साध्वी रतनश्री जी ने कहा कि तपस्या शारीरिक, मानसिक एवं भावनात्मक विशुद्धि का सर्वोत्तम उपाय है। आयुर्वेदिक प्राकृतिक चिकित्सा तो लंघ न करना सर्वोत्तम औषधि है, मैं ऐसा मानती हूँµजैन दर्शन में तपस्या कर्म निर्जरा का सर्वोत्कृष्ट उपाय है। मधु ने मासखमण तपस्या कर अपने संकल्प को सिद्धि तक पहुँचाया है।
शासनश्री साध्वी सुव्रताजी ने कहा कि मधु को अपने पिता स्व0 हंसराज भंसाली से प्रेरणा मिली है कि उन्होंने अपने जीवन में 13 मासखमण किए थे तो मैं क्यों नहीं कर सकती। इसी भावना को इसने साकार किया। मैं इनकी तपस्या की अनुमोदना करते हुए आगे बढ़ने का आशीर्वाद प्रदान करती हूँ। साध्वी कार्तिकप्रभाजी, साध्वी चिंतनप्रभाजी ने गीतिका के माध्यम से बहन के तप की अनुमोदना की। तप अनुमोदना के क्रम में गीतिका व वक्तव्य के माध्यम से दिल्ली सभा उपाध्यक्ष सुभाष सेठिया, शाहदरा सभा मंत्री आनंद बुच्चा, तेयुप दिल्ली के पूर्व अध्यक्ष विकास बोथरा, तेममं के क्षेत्रीय संयोजक मंजु बांठिया सहित अनेक जनों ने अपने भाव रखे। तपस्वी हनुमान सेठिया, शाहदरा सभा अध्यक्ष पन्नालाल बैद आदि ने शाहदरा सभा की ओर से तपस्वी बहन का साहित्य से सम्मान किया। कार्यक्रम का संचालन महेंद्र चोरड़िया ने किया।