मंत्र दीक्षा एवं वीतराग पथ कार्यशाला के आयोजन

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मंत्र दीक्षा एवं वीतराग पथ कार्यशाला के आयोजन

कांकरोली
साध्वी मंजुयशा जी के सान्निध्य में अभातेयुप के निर्देशन में तेयुप द्वारा मंत्र दीक्षा एवं वीतराग पथ कार्यशाला का आयोजन किया गया। मंत्र दीक्षा के कार्यक्रम में ज्ञानशाला के करीब 75 बच्चे शामिल थे एवं 11 ज्ञानशाला प्रशिक्षिकाएँ उपस्थित थी। कार्यक्रम का प्रारंभ ज्ञानशाला के बच्चों द्वारा मंगल गीत से हुआ। तेयुप अध्यक्ष निखिल कच्छारा ने अपने विचार व्यक्त करते हुए सभी का स्वागत किया। साध्वी मंजुयशा जी ने मंत्र दीक्षा क्या, क्यों और किसलिए दी जाती है इस पर प्रकाश डालते हुए कहा कि मंत्र दीक्षा बच्चों की श्रद्धा को मजबूत करने के लिए एवं अच्छे संस्कारों को पुष्ट करने के लिए दी जाती है।
साध्वीश्री जी ने आगे कहा कि इस ज्ञानशाला के माध्यम से अनेकों बच्चे अच्छा ज्ञान, अच्छे संस्कारों को प्राप्त कर अपने भविष्य को अच्छा बना रहे हैं। आज मंत्र दीक्षा के माध्यम से हर बच्चा प्रतिदिन 21 बार नवकार मंत्र का श्रद्धा के साथ जप करे। इसके साथ तेयुप द्वारा वीतराग कार्यशाला का आयोजन हुआ। उसमें बहुत अच्छी संख्या में भाई-बहनों ने भाग लिया। साध्वीश्री जी ने कहा कि राग-द्वेष से रहित, कषाय रहित, चार गति कर्मों से रहित जो चेतना होती है उस चेतना को वीतराग चेतना कहते हैं। वीतराग पथ अपने आपमें शुद्ध एवं पवित्र मार्ग है