मंत्र दीक्षा एवं वीतराग पथ कार्यशाला के आयोजन

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मंत्र दीक्षा एवं वीतराग पथ कार्यशाला के आयोजन

वाशी
बच्चों में सुसंस्कारों के बीजारोपण एवं अध्यात्म के भाव प्रबल हो इस हेतु तेयुप ने मंत्र दीक्षा संग वीतराग पथ कार्यशाला का आयोजन किया। मंत्र दीक्षा कार्यक्रम का शुभारंभ नमस्कार महामंत्र से किया गया। त्रिपति एवं गुरु वंदना नम्रता कांठेड ने करवाया। मंगलाचरण ज्ञानशाला प्रशिक्षक एरोली द्वारा किया गया। साध्वी पंकजश्री जी के सान्निध्य में कार्यक्रम के अंतर्गत कुल 196 बच्चों ने नमस्कार महामंत्र के सामुहिक संगान के साथ मंत्र दीक्षा ग्रहण की। साध्वी पंकजश्री जी ने मंत्र दीक्षा को महत्त्वपूर्ण उपक्रम बताते हुए ज्ञानशाला के बच्चों को देव, गुरु और धर्म के विषय में जानकारी दी।
परिषद के अध्यक्ष महावीर सोनी ने स्वागत वक्तव्य दिया तथा मंत्र दीक्षा के बारे में जानकारी दी। तेयुप मंत्री महावीर हिरण ने बताया कि वीतराग पथ कार्यशाला में ज्ञानशाला के बच्चों द्वारा प्रेरणादायी नाट्य प्रस्तुति ज्ञानशाला कोपरखैरना ने दी। साध्वी शारदाप्रभाजी ने वीतराग कार्यशाला के बारे में विस्तृत जानकारी दी। साध्वी सम्यक्यशा जी ने अपना उद्बोधन दिया। साध्वी ललिताश्री जी ने मंत्र दीक्षा का इंटरव्यू दिया, जानकारी बताई। मंत्र दीक्षा कार्यक्रम में विशेष उपस्थिति संपतलाल बागरेचा, लादूलाल, सोहनलाल कोठारी, अमृतलाल खाटेड़, दिनेश छाजेड़ सहित अनेक पदाधिकारीगण एवं सदस्यों की उपस्थिति रही। आभार ज्ञापन भिक्षु जोन संयोजिका पिंकी कोठारी ने किया। कार्यक्रम का संचालन ज्ञानशाला प्रशिक्षक नीतू परमार ने किया।